जोखिम उठाने की मेरी क्षमता का अभी तक पूरा उपयोग नहीं हुआ: प्रधानमंत्री मोदी

जोखिम उठाने की मेरी क्षमता का अभी तक पूरा उपयोग नहीं हुआ: प्रधानमंत्री मोदी

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  • Publish Date - January 10, 2025 / 06:01 PM IST,
    Updated On - January 10, 2025 / 06:01 PM IST

नयी दिल्ली, 10 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि वह कभी भी ‘कम्फर्ट जोन’ (आरामदायक स्थिति) में नहीं रहे हैं और जोखिम उठाने की उनकी क्षमता का अभी तक पूरा उपयोग नहीं किया गया है।

जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ एक पॉडकास्ट में संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वही लोग जीवन में असफल होते हैं जिन्हें कम्फर्ट जोन में रहने की आदत हो जाती है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरी किस्मत रही है कि मैंने अपनी जिंदगी कभी कम्फर्ट जोन में नहीं बिताई, कभी नहीं। चूंकि मैं कम्फर्ट जोन से बाहर था, मुझे पता था कि मुझे क्या करना है। शायद मैं आराम के लिए नहीं बना हूं …।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जिस तरह की जिंदगी जी, छोटी-छोटी चीजें भी मुझे संतुष्टि देती हैं।’’

मोदी ने आगे कहा कि लोग जीवन में तभी असफल होते हैं जब उन्हें ‘कम्फर्ट जोन’ की आदत हो जाती है।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर एक बड़ा उद्योगपति भी जोखिम नहीं लेता है और कम्फर्ट जोन से बाहर नहीं आता है तो वह भी प्रगति नहीं करेगा…वहीं खत्म हो जाएगा। इसलिए उसे बाहर आना होगा। कोई व्यक्ति जो किसी भी क्षेत्र में प्रगति करना चाहता है, उसे कम्फर्ट जोन की आदत नहीं डालनी चाहिए, जोखिम लेने की मानसिकता एक प्रेरक शक्ति है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या समय के साथ जोखिम उठाने की उनकी क्षमता बढ़ी है, प्रधानमंत्री ने कहा कि जोखिम उठाने की उनकी क्षमता का अभी तक पूरा उपयोग नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘… मेरी जोखिम लेने की क्षमता कई गुना अधिक है। इसके पीछे एक कारण है क्योंकि मैं अपनी चिंता नहीं करता। जो अपने बारे में नहीं सोचता है उसके पास अनगिनत जोखिम लेने की क्षमता होती है, मेरा मामला भी ऐसा ही है।’’

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र पवनेश

पवनेश