(आसिम कमाल)
नयी दिल्ली/मुंबई, 17 नवंबर (भाषा) कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने रविवार को दावा किया कि राज्य विधानसभा चुनाव में महा विकास आघाडी (एमवीए) को अपने दम पर ‘‘स्पष्ट बहुमत’’ मिलेगा और दूसरी तरफ से किसी को भी पाला बदलने की जरूरत नहीं होगी।
चेन्निथला ने यह भी दावा किया कि सत्तारूढ़ महायुति ‘‘आंतरिक कलह’’ से ग्रस्त है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने सहयोगियों को ‘‘खत्म’’ करना चाहती है।
चेन्निथला ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे विफल हो गए हैं, क्योंकि वे महाराष्ट्र के लोकाचार और संस्कृति के खिलाफ हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस, शिवसेना (उबाठा) और राकांपा (एसपी) वाला एमवीए पूरी तरह से एकजुट है और चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद पर फैसला करने में कोई समस्या नहीं होगी।
हालांकि, चेन्निथला ने सवाल उठाया कि ‘महायुति’ ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद का चेहरा क्यों नहीं घोषित किया, जबकि वह निवर्तमान मुख्यमंत्री हैं।
मोदी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ और योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा कि यहां तक कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अजित पवार और भाजपा नेता पंकजा मुंडे जैसे महायुति नेताओं ने भी इसका विरोध किया है।
चेन्निथला ने दावा किया, ‘‘यहां तक कि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने भी इसका (आदित्यनाथ के नारे का) विरोध किया है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों ने इसका विरोध किया है। यह नारा महाराष्ट्र के लोकाचार और संस्कृति के खिलाफ है। यह लोगों को पसंद नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी का नारा भी लोगों को पसंद नहीं आया है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और भाजपा लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांट रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘वे हमेशा हिंदू-मुस्लिम, हिंदुस्तान-पाकिस्तान, कब्रिस्तान-श्मशान की बात करते हैं। लोगों को यह पसंद नहीं है। उनके दो नारे विफल हो गए हैं और लोग इन्हें गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या अजित पवार के योगी के नारे की आलोचना करने के बाद सत्तारूढ़ ‘महायुति’ में दरार देखी जा रही है, चेन्निथला ने कहा, ‘‘शत प्रतिशत। प्रधानमंत्री की रैली में उनकी (अजित पवार) अनुपस्थिति लगभग तय थी, उनके लोग मुंबई की बैठक में भी नहीं गए और प्रधानमंत्री की मुंबई की बैठक बड़े स्तर पर विफल रही।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अमरावती में भाजपा नेताओं के बीच बड़ी लड़ाई है। ये सभी चीजें दिखाती हैं कि महायुति में मतभेद हैं और यह चुनाव (परिणामों) में नजर आएगा।’’
चुनाव के बाद ‘महायुति’ के टूटने के दावों पर चेन्निथला ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से, महायुति में बहुत सारे आंतरिक मतभेद हैं। गठबंधन में यह बहुत ही अजीब स्थिति है। उन्होंने (भाजपा) शिंदे नीत शिवसेना को सीटें दीं, लेकिन वह शिवसेना के चुनाव चिह्न पर 13 भाजपा नेताओं को चुनाव भी लड़वा रही।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने अजित पवार को सीटें दीं और राकांपा के चुनाव चिह्न पर भाजपा के पांच नेताओं को लड़वा रही।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘भाजपा के इरादों को समझना संभव नहीं है। आप सीटें देने के साथ ही अपने नेताओं को भी उनके चिह्न पर चुनाव लड़वा रहे हैं। वे (भाजपा) अपने सहयोगियों को खत्म करना चाहते हैं, जो बहुत स्पष्ट है और यही कारण है कि महायुति के भीतर मतभेद हैं।’’
दूसरी ओर, चेन्निथला ने कहा कि एमवीए एकजुट है, कोई दोस्ताना लड़ाई नहीं है और 80 प्रतिशत बागियों को मना लिया गया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या अजित पवार चुनाव बाद एमवीए में शामिल हो सकते हैं, चेन्निथला ने कहा, ‘‘मुझे ऐसा नहीं लगता। हम अपने दम पर बहुमत हासिल कर लेंगे। किसी को भी पाला बदलने की जरूरत नहीं होगी।’’
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी।
भाषा शफीक पारुल
पारुल