(आसिम कमाल)
(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 22 नवंबर (भाषा) कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी (एमवीए) की जीत को लेकर वह आश्वस्त हैं और बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला करने में गठबंधन के घटक दलों को देर नहीं लगेगी। उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘किसे कौन सा पद दिया जाए’’, इसके फैसले में भी एक दिन से ज्यादा समय नहीं लगेगा।
पायलट को पार्टी ने मराठवाड़ा क्षेत्र का प्रभार दिया था और उन्होंने महाराष्ट्र, झारखंड तथा उपचुनाव वाले निर्वाचन क्षेत्रों में व्यापक प्रचार किया था। कांग्रेस के नेता ने चुनाव बाद सर्वेक्षण (एग्जिट पोल) के उन संकेतों को खारिज कर दिया कि दोनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले गठबंधन को बहुमत मिलेगा।
नतीजों से एक दिन पहले ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में पायलट ने कहा कि महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनावों के नतीजे भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को ‘हकीकत से रूबरू’ कराएंगे।
हरियाणा में हार के बाद हाल के विधानसभा चुनावों में पार्टी की संभावनाओं के बारे में कांग्रेस महासचिव ने कहा कि हरियाणा एक झटका था और बहुत ही आश्चर्यजनक था, लेकिन महाराष्ट्र और झारखंड की एक ‘‘अलग कहानी’’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘मतदाताओं में महाराष्ट्र में बदलाव की स्पष्ट इच्छा है क्योंकि जो ‘डबल इंजन’ की सरकार चल रही थी, वह मतदाताओं की किसी भी उम्मीद पर खरी नहीं उतर रही थी।’’
पायलट ने कहा, ‘‘हमने जिस तरह का अभियान चलाया, जिस तरह की गारंटी का वादा किया, हमारे गठबंधन सहयोगी, उम्मीदवारों का चयन, हमारे बयान सकारात्मक रहे और उसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली। इसलिए मुझे लगता है कि हम महाराष्ट्र में सरकार बदलते देखेंगे।’’
पायलट ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कुल 55 जनसभाएं कीं, जिनमें से दो दर्जन से अधिक अकेले महाराष्ट्र में थीं।
उन्होंने कहा कि झारखंड में एक मौजूदा मुख्यमंत्री को कुछ आधारों पर जेल में डाल दिया गया और आखिरकार उच्चतम न्यायालय से उन्हें राहत मिल गई। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों का इस तरह का दुरुपयोग राज्य के मतदाताओं को रास नहीं आया है।
पायलट ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘झारखंड में भाजपा के पास कोई विश्वसनीय चेहरा नहीं है। मुझे लगता है कि दोनों राज्यों में विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगी दल सरकार बनाने की अच्छी स्थिति में हैं।’’
भाषा
सुरभि नरेश
नरेश