नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने मुसलमानों से ईद-उल-अजहा पर कुर्बानी देते समय सरकारी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने और कुर्बान जानवरों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा नहीं करने का बृहस्पतिवार को आग्रह किया।
ईद-उल-अजहा सोमवार को मनाई जाएगी।
ईद-उल-अजहा पर मुसलमानों को अपने संदेश में जमीयत अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि इस्लाम में कुर्बानी का कोई विकल्प नहीं है और यह एक धार्मिक कर्तव्य है जो हर मुसलमान के लिए अनिवार्य है।
मदनी ने कहा, ‘मुसलमान कुर्बानी देते समय एहतियाती कदम उठाएं। खासतौर पर, कुर्बान जानवरों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करने से बचें।”
उन्होंने मुसलमानों से ‘कुर्बानी’ करते समय सरकारी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने और प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी से बचने का भी आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘यदि किसी स्थान पर शरारती तत्व भैंसे की कुर्बानी से रोकते हैं तो कुछ समझदार व प्रभावशाली लोग प्रशासन को जानकारी दें और फिर कुर्बानी की जाए।”
उन्होंने मुसलमानों को ईद-उल-अजहा के अवसर पर सफाई का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी और कहा कि पशुओं के अवशेष सड़कों व नालियों में नहीं फेंके जाने चाहिए, बल्कि उन्हें इस तरह दफनाया जाना चाहिए कि उससे बदबू न आए।
मदनी ने कहा, “हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए कि हमारी कार्रवाई से किसी को ठेस न पहुंचे तथा सांप्रदायिक तत्वों की ओर से किसी भी प्रकार के उकसावे के प्रति धैर्य रखकर मामले की शिकायत स्थानीय पुलिस थानों में दर्ज कराई जानी चाहिए।”
भाषा जोहेब मनीषा
मनीषा