नई दिल्ली: Muslims Eat Beef or Not? भारत के मोस्ट वांटेड जाकिर नाइक ने हाल ही में पाकिस्तान में कई ऐसे बयान दिए हैं जिसका दुनियाभर में पूरजोर विरोध हो रहा है। हैरानी की बात तो ये है कि इस्लाम धर्म को मानने वाले ही उनके बयानों से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। पाकिस्तान प्रवास के दौरान जाकिर नाइक ने गोमांस खाने को लेकर भी बड़ा बयान दिया है, जिसे लेकर मौलाना तौकीर रजा की प्रतिक्रिया सामने आई है।
Muslims Eat Beef or Not? मौलाना तौकीर रजा ने नाइक के बीफ वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुसलमान गाय का मांस खाना पसंद नहीं करते। उन्होंने कहा कि जहां तक गाय के मांस का सवाल है, मैंने अभियान चलाया है। हम पर गाय का मांस खाने का आरोप लगाया जाता है। मगर मुसलमान गाय का मांस खाना पसंद नहीं करते हैं, क्योंकि पैगंबर ने हदीस में साफ तौर पर कहा है कि गाय का मांस बीमारी फैलाता है और गाय का दूध शिफा (रोग से मुक्ति दिलाना) करता है। इसलिए हमें बदनाम करने के लिए कहा जाता है कि मुसलमान गाय का मांस खाता है। कोई भी गाय का मांस नहीं खाता है और मैंने इस पर लगातार कार्यक्रम भी किए हैं।
उन्होंने आगे कहा, ‘इसके अलावा मैं कहता हूं कि जिन लोगों पर देश में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी है, वही लोग झूठ फैलाकर और मुसलमानों पर झूठे आरोप लगाकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर ईमानदारी से जांच की जाए तो जो लोग गाय के मांस का कारोबार करते हैं, उनमें आप पाएंगे कि बहुत से लोग गैर मुस्लिम हैं। कोई मुसलमान नहीं है। मुसलमान गाय के मांस को अपना कारोबार नहीं बनाते हैं। यह जो भी है, यह मुसलमानों और उन लोगों पर झूठा आरोप है जो यह तर्क देते हैं कि हम इसे नहीं खाते और इसे नहीं खाना चाहिए।
उन्होंने बताया, ‘हजरत अल्लामा फजले हक खैराबादी आखिरी मुगल बादशाह थे। हजरत मुफ्ती साहब ने मुगल बादशाह को सातवीं सलाह दी थी कि अगर कोई गाय काटते या गाय का मांस खाते हुए पाया जाए तो उसे रस्सी से बांधकर उड़ा दिया जाए। जिन्होंने ऐसा किया है, उनके मन में उनके प्रति रंजिश है। ये सारी झूठी बातें मुसलमानों पर झूठे आरोप लगाकर आम हिंदुओं के मन में नफरत पैदा करने के लिए की जा रही है। हमें जरूरत है कि इन बातों को समझाया जाए।
नवरात्रि में मीट की दुकानें बंद रहने पर उन्होंने कहा कि वे जितना चाहें बेईमानी कर सकते हैं। सरकार बेईमान है। सरकार के संरक्षण में गुंडों को खुली छूट है। उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने कानून अपने हाथ में ले लिया है। देश में अराजकता का माहौल बनाया जा रहा है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए, पुलिस को संज्ञान लेना चाहिए, सुप्रीम कोर्ट को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। जो लोग देश में इस तरह का माहौल बना रहे हैं वे देश के दुश्मन हैं या देशभक्त हैं। अपने देश में शांति बनाए रखने के कारण मुसलमान इन बेईमान लोगों के इन सारे जुल्मों और अत्याचारों का जवाब नहीं दे रहे हैं, कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि हम बुजदिल हैं। हम साबित कर देंगे कि हम बड़े दिल वाले नहीं हैं, क्योंकि हम अपने देश में अमन और चैन चाहते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि एक निकम्मा आदमी हमारी मस्जिद में जाता है और हमारी मस्जिद के कागज मांगता है। उसको ये अधिकार किसने दिया? सरकार बेईमानी कर रही है। सरकार ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। सच तो ये है कि 2014 से पहले ये लोग बम फेंकते थे और कहते थे कि मुसलमानों ने बम फेंके हैं। वही लोग अब बम नहीं फेंक रहे हैं। वो आतंकवाद फैला रहे हैं। वो हर मोहल्ले में मस्जिदों पर बुलडोजर चला रहे हैं। ये सब बेईमानी या जो भी हो रहा है। उस समय उनको ब्लास्ट के काम पर लगा दिया गया था। अब वो काम खत्म हो गया है क्योंकि सरकार बेईमान लोगों की है। तो अब उनको ये काम दे दिया गया है कि उनकी नफरत चलती रहे।