राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन मांगने ओडिशा पहुंचीं मुर्मू का जोरदार स्वागत

राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन मांगने ओडिशा पहुंचीं मुर्मू का जोरदार स्वागत

राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन मांगने ओडिशा पहुंचीं मुर्मू का जोरदार स्वागत
Modified Date: November 29, 2022 / 08:03 pm IST
Published Date: July 8, 2022 12:59 pm IST

भुवनेश्वर, आठ जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू 18 जुलाई को होने वाले चुनाव के लिए समर्थन मांगने शुक्रवार को अपने गृह राज्य ओडिशा पहुंचीं। इस दौरान भुवनेश्वर हवाईअड्डे पर उनका जोरदार स्वागत हुआ।

आदिवासी बहुल मयूरभंज जिले की मूल निवासी मुर्मू (64) का बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर औपचारिक स्वागत किया गया, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महिला विधायक कुसुम टेटे ने आदिवासी नृत्य पेश किया और भुवनेश्वर से पार्टी की सांसद अपराजिता सारंगी ने झांझ बजाई।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष समीर मोहंती और सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के उपाध्यक्ष देवी प्रसाद मिश्रा के साथ-साथ कई अन्य वरिष्ठ नेता पार्टी लाइन से हटकर मुर्मू के स्वागत के लिए हवाईअड्डे पर मौजूद थे।

 ⁠

सारंगी ने कहा, ‘‘मुर्मू रायरंगपुर से रायसीना हिल्स तक की अपनी अभूतपूर्व यात्रा जरूर पूरी करेंगी। देश के सर्वोच्च पद के लिए एक ओड़िया व्यक्ति को चुनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार।’’

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में सत्तारूढ़ बीजद के विधायक और मंत्री भी मुर्मू के स्वागत समारोह में शामिल हुए। इस दौरान आदिवासी महिलाओं ने अपने पारंपरिक परिधान में हवाईअड्डे की ओर जाने वाली सड़कों पर संगीत की धुन पर घोड़ा और बाघा जैसे लोक नृत्य प्रस्तुत किए।

‘‘ओडिशा की बेटी’’ के स्वागत के लिए ‘कीर्तन’ गायकों की कई मंडलियों ने भी सड़कों पर प्रस्तुति दी। राजग की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के दौरे के मद्देनजर शहर भर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

मुर्मू ओडिशा विधानसभा का दौरा करेंगी और बीजद के विधायकों व सांसदों से मिलेंगी। बाद में उनका सरकारी अतिथि गृह में भाजपा सांसदों के साथ बैठक करने का कार्यक्रम है।

वह पटनायक के आवास पर भी जा सकती हैं, जहां उनके मुख्यमंत्री के साथ दोपहर का भोजन करने की संभावना है।

पटनायक पहले ही राज्य के सभी विधायकों से मुर्मू का समर्थन करने की अपील कर चुके हैं।

भाषा सुरभि पारुल

पारुल


लेखक के बारे में