गुरुग्राम, 31 जनवरी (भाषा) गुरुग्राम नगर निगम द्वारा एक पूर्व पार्षद पर कथित अवैध निर्माण के लिए मामला दर्ज करने की सिफारिश को पुलिस ने कूड़ेदान में डाल दिया। यह मामला पांच साल बाद तब प्रकाश में आया जब सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दायर एक आवेदन के माध्यम से मामला उठाया गया।
एक अधिकारी ने बताया कि नगर निगम ने अब पूर्व पार्षद के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए पुलिस को फिर से अनुस्मारक (रिमाइंडर) भेजा है।
जोन-प्रथम के कनिष्ठ अभियंता (अतिक्रमण) हरिओम ने बताया कि यह मामला आरटीआई से सामने आया कि नगर निगम की पिछली सिफारिश को किसी कूड़ेदान में डाल दिया गया और अब तक कार्रवाई नहीं की गई।
अधिकारी ने बताया कि ऐसे में अब अनुस्मारक पत्र भेजा गया है।
कनिष्ठ अभियंता द्वारा शिवाजी नगर थाने के प्रभारी निरीक्षक को 27 जनवरी को भेजे गए अनुस्मारक में कहा गया कि अतिक्रमण की शिकायत पर बिल्डर सुरेश दुआ को 10 दिसंबर 2019 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
अनुस्मारक में कहा गया, “इसके बाद 18 दिसंबर 2019 को हरियाणा नगर निगम अधिनियम की धारा 261(1) के तहत तोड़फोड़ का नोटिस जारी किया गया। बिल्डर सुरेश दुआ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए 18 जनवरी 2020 को शिवाजी नगर थाने के प्रभारी निरीक्षक को पत्र भेजा गया लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। पुनः अनुरोध है कि प्राथमिकी दर्ज करने के बाद उसकी एक प्रति उपलब्ध कराई जाए।”
हरिओम ने बताया, “हम अभी प्राथमिकी की प्रति का इंतजार कर रहे हैं।”
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हालांकि बताया कि उन्हें अब तक कोई पत्र नहीं मिला है, लेकिन यह पता लगाया जाएगा कि मामला क्यों दर्ज नहीं किया गया।
संपर्क करने पर पूर्व पार्षद सुरेश दुआ ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को निराधार बताया और कहा कि वह जांच के लिए तैयार हैं।
भाषा जितेंद्र संतोष
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