बेंगलुरु, 28 जनवरी (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को दोहराया कि एमयूडीए भूमि आवंटन मामला ‘राजनीति से प्रेरित’ है और उन्हें इसका पूरा भरोसा है कि उन्हें न्याय मिलेगा।
एमयूडीए मामले में सिद्धरमैया, उनकी पत्नी पार्वती बी एम, उनके रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी और अन्य आरोपी हैं।
ईडी ने पार्वती और कर्नाटक के शहरी विकास मंत्री बी. सुरेश को समन जारी किया था, जिस पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी। साथ ही अदालत ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूखंड आवंटन मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच के याचिकाकर्ताओं के अनुरोध पर अपना अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने यहां पत्रकारों से कहा कि उच्च न्यायालय ने ईडी से पूछा कि एजेंसी को समन जारी करने की इतनी जल्दी क्यों थी।
सिद्धरमैया ने संवाददाताओं से कहा, “उन्होंने (प्रवर्तन निदेशक) समन जारी किया था लेकिन उस पर अदालत ने स्थगन आदेश दिया है। न्यायाधीश ने (ईडी से) पूछा, आप इतनी जल्दी में क्यों हैं?”
उन्होंने कहा कि मामले को सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए या नहीं, इस पर अदालत विचार कर रही है….। उन्होंने कहा कि अब मामले पर आदेश को सुरक्षित रख लिया गया है।
सिद्धरमैया ने कहा, “अदालत ने कहा कि इस समय (पूछताछ के लिए) जल्दबाजी करना उचित नहीं है।”
जब सिद्धरमैया से पूछा गया कि इस मामले पर उनकी क्या राय है, तो उन्होंने कहा कि पूरा मामला ‘राजनीति से प्रेरित’ है। उन्होंने यह कहते हुए अदालत पर भरोसा जताया कि उन्हें न्याय मिलेगा।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा, “जब न्यायाधीश ने आदेश सुरक्षित रख लिया है तो मुझे क्यों डरना चाहिए? मुझे पूरा भरोसा है कि हमें न्याय मिलेगा।”
भाषा जितेंद्र अमित
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