नयी दिल्ली, आठ जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को भाजपा नेता और पूर्व विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा की याचिका खारिज कर दी, जिसमें कहा गया था कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत एक आपराधिक शिकायत के आधार पर उनपर मुकदमा नहीं चला सकती क्योंकि यह उस वक्त दायर की गई थी, जब वह विधायक नहीं थे।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में इस मुद्दे पर अतीत में उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित विभिन्न आदेशों का उल्लेख किया और कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि विशेष अदालतों का गठन जनप्रतिनिधियों यानी सांसदों और विधायकों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए किया गया है, चाहे वे मौजूदा हों या पूर्व।
उच्च न्यायालय ने कहा कि सिरसा के वकील अदालत को इस बारे में संतुष्ट करने में नाकाम रहे कि कैसे एक त्वरित सुनवाई उनके लिए किसी भी तरह का पूर्वाग्रह पैदा कर सकती है।
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा, जिसने अधिकार क्षेत्र न होने के कारण उनके खिलाफ शिकायत को स्थानांतरित करने या वापस करने के अनुरोध संबंधी सिरसा की याचिका खारिज कर दी थी।
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