इंफाल, चार अक्टूबर (भाषा) मणिपुर से राज्यसभा सदस्य लीशेम्बा सनाजाओबा ने हाल में घोषित शास्त्रीय भाषाओं की सूची में मणिपुरी भाषा को शामिल नहीं किये जाने पर शुक्रवार को निराशा जतायी ।
सनाजाओबा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा के तौर पर मंजूरी दी, जिनमें असमिया, बांग्ला, मराठी, पाली और प्राकृत शामिल है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं पिछले चार पांच वर्ष से हमारी मणिपुरी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाने का प्रयास करता रहा हूं, लेकिन राजनीतिक दबाव की कमी, लॉबिंग का अभाव तथा हमारी ओर से निष्क्रियता के कारण हमने इस बार एक स्वर्णिम अवसर गंवा दिया ।’’
सनाजोआबा जून 2020 में राज्यसभा के लिये निर्वाचित घोषित किये गये थे।
उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं बहुत भावुक हूं, लेकिन मैं अपने कार्यकाल के अंतिम दिन तक अपनी मातृभाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाने का प्रयास करता रहूंगा। इस प्रयास को सफल बनाने के लिए सभी संबंधित पक्षों से सहयोग की अपेक्षा करता हूं।’’
भाषा रंजन रंजन माधव
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