राजौरी के गांव में 12 से अधिक मौत किसी रहस्यमयी बीमारी से नहीं हुईं: मंत्री सकीना मसूद

राजौरी के गांव में 12 से अधिक मौत किसी रहस्यमयी बीमारी से नहीं हुईं: मंत्री सकीना मसूद

  •  
  • Publish Date - January 15, 2025 / 04:49 PM IST,
    Updated On - January 15, 2025 / 04:49 PM IST

जम्मू, 15 जनवरी (भाषा) जम्मू कश्मीर की स्वास्थ्य मंत्री सकीना मसूद ने बुधवार को यहां कहा कि सीमावर्ती राजौरी जिले के एक दूरदराज के गांव में तीन परिवारों में 12 से अधिक लोगों की मौत किसी रहस्यमयी बीमारी के कारण नहीं हुई हैं, क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश के अंदर और बाहर करायी गई जांचों में ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया है।

सकीना मसूद ने हालांकि कहा कि पिछले साल सात दिसंबर से कोटरंका उप-मंडल के बधाल गांव में एक-दूसरे से जुड़े तीन परिवारों में हुई मौतें अत्यंत चिंताजनक हैं और पुलिस एवं जिला प्रशासन कारण का पता लगाने के लिए तेजी से जांच करेगा।

मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘गांव में 11 बच्चों सहित 13 लोगों की मौत हो चुकी है (दिसंबर में आठ और इस महीने पांच)। पांच लोगों की मौत की सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से घर-घर जाकर 3,500 ग्रामीणों की जांच की गई।’’

मंत्री ने कहा, ‘‘नमूने लिए गए जिन्हें जांच के लिए जम्मू कश्मीर के अंदर और बाहर विभिन्न प्रयोगशालाओं में भेजा गया। कुछ दिनों बाद तीन और लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद विभाग ने देश के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों की सहायता ली। उनके दल यहां पहुंचे और विस्तृत जांच की।’’

मंगलवार शाम को अधिकारियों ने गांव में मौतों की कुल संख्या 14 बतायी थी।

मसूद ने कहा कि 40 दिन से अधिक समय के बाद मौत फिर से होने लगी हैं और यह स्पष्ट है कि यदि मौतें किसी बीमारी के कारण हुई होतीं, तो यह तुरंत फैल जाती और तीन परिवारों तक सीमित नहीं होती, जो एक-दूसरे के निकट रहते हैं और एक-दूसरे से संबंधित हैं।

इस बीच, उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के भीतर और बाहर किए गए किसी भी जांच रिपोर्ट में कुछ भी सामने नहीं आया है। इनमें पुणे में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), दिल्ली में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), ग्वालियर में रक्षा अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (डीआरडीई) और पीजीआई-चंडीगढ़ में माइक्रोबायोलॉजी विभाग में की गई जांच भी शामिल है। उन्होंने कहा कि साथ ही पानी और अन्य खाद्य पदार्थों के नमूनों के मामले में भी यही स्थिति है।

पिछले महीने स्थिति का जायजा लेने के लिए गांव का दौरा करने वाली मंत्री ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य विभाग को ऐसी कोई बीमारी, वायरस या संक्रमण नहीं मिला, जिससे मौत हुई हों।’’

उन्होंने कहा कि मौतों का वास्तविक कारण जांच का विषय है।

मसूद ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा, ‘‘पुलिस विभाग और जिला प्रशासन उन 13 व्यक्तियों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत की जांच करेगा, जो सामान्य थे और किसी बीमारी या संक्रमण से पीड़ित नहीं थे।’’

स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा उस खुलासे के बारे में पूछे जाने पर कि कुछ मृतकों के नमूनों में कुछ न्यूरोटॉक्सिन पाए गए हैं, मंत्री ने कहा कि वे जांच पूरी होने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जिला विकास आयुक्त के संपर्क में हूं और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से भी बात की है। सच्चाई को सामने लाने के लिए त्वरित जांच होनी चाहिए।’’

मसूद ने कहा कि वे फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) रिपोर्ट सहित कुछ परीक्षण रिपोर्ट का इंतजार कर रहे थे, जिसमें समय लगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि मौत किसी बीमारी या वायरस के कारण नहीं हुई थीं।

भाषा

अमित वैभव

वैभव