Monsoon 2022: इस बार 10 दिन पहले दस्तक दे सकता है मानसून, इस तारीख तक केरल तट से टकराने का अनुमान

IITM पुणे के एक विशेषज्ञ के हवाले से द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, '1 मई से 5 जून के लिए 4 सप्ताह की विस्तारित सीमा के पूर्वानुमान के अनुसार, केरल में मानसून की शुरुआत 20 मई के बाद कभी भी हो सकती है। 28 अप्रैल को जारी पिछले ईआरएफ में भी 19-25 मई की अवधि में केरल में वर्षा की गतिविधियों में वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।

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  • Publish Date - May 7, 2022 / 05:48 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:05 PM IST

Monsoon 2022 Hindi: नई दिल्ली। केरल में मानसून 20 मई के बाद किसी भी वक्त आ सकता है, जो इस बार अपने समय से करीब 10 दिन पहले है, केरल में मानसून का आगमन सामान्यत: 1 जून के आसपास होता है, आईएमडी ने इस आशय के संकेत पुणे स्थित आईआईटीएम (Indian Institute Of Tropical Meteorology Pune) में विकसित मल्टी-मॉडल एक्सटेंडेड रेंज प्रेडिक्शन सिस्टम (MMERPS) का उपयोग करके अपने नवीनतम एक्सटेंडेड रेंज फोरकास्ट (ERF) के जरिए दिए हैं।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

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IITM के एक विशेषज्ञ के हवाले से द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘1 मई से 5 जून के लिए 4 सप्ताह की विस्तारित सीमा के पूर्वानुमान के अनुसार, केरल में मानसून की शुरुआत 20 मई के बाद कभी भी हो सकती है। 28 अप्रैल को जारी पिछले ईआरएफ में भी 19-25 मई की अवधि में केरल में वर्षा की गतिविधियों में वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। यदि ईआरएफ अगले सप्ताह भी 20 मई के बाद केरल में इसी तरह की स्थिति दिखाता है, तो निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि इस तटीय राज्य में मानसून की शुरुआत समय से पहले होगी’

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खाड़ी के ऊपर बनने जा रहा चक्रवाती तूफान

Monsoon 2022: भारत मौसम विभाग का नवीनतम ईआरएफ मई 5-11 (सप्ताह 1), मई 12-18 (सप्ताह 2), मई 19-25 (सप्ताह 3) और मई 26-जून 1 (सप्ताह 4) के लिए है, IITM के विशेषज्ञ के मुताबिक, अभी के लिए, केरल में मानसून के जल्द शुरुआत के संकेत दिखाई दे रहे हैं। पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान बनने जा रहा है। इससे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर मानसून के प्रवाह को मजबूत करने में मदद मिलने की संभावना है, नवीनतम ईआरएफ के अनुसार, इस वेदर सिस्टम से तीसरे सप्ताह के आसपास मानसून के प्रवाह में बाधा पड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि तब तक यह अपना प्रभाव खो चुका होगा’

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