धनशोधन मामला: न्यायालय ने राकांपा नेता छगन भुजबल की जमानत के खिलाफ ईडी की याचिका खारिज की

धनशोधन मामला: न्यायालय ने राकांपा नेता छगन भुजबल की जमानत के खिलाफ ईडी की याचिका खारिज की

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  • Publish Date - January 21, 2025 / 02:09 PM IST,
    Updated On - January 21, 2025 / 02:09 PM IST

नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता छगन भुजबल को राहत देते हुए मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें धनशोधन के एक मामले में भुजबल को दी गयी जमानत को चुनौती दी गयी थी।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने हालांकि मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली भुजबल की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि याचिकाकर्ता को 2018 में जमानत पर रिहा किया गया था और वर्तमान चरण में उनकी गिरफ्तारी की अवैधता के सवाल पर विचार करना आवश्यक नहीं है।

पीठ ने कहा, ‘‘जमानत देने संबंधी आदेश वर्ष 2018 में पारित किए गए थे। इसलिए संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत इस स्तर पर हस्तक्षेप का कोई मामला नहीं बनता है। एसएलपी खारिज की जाती है।’’

बंबई उच्च न्यायालय ने धनशोधन मामले में भुजबल को चार मई 2018 को जमानत दे दी थी।

महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री को तब गिरफ्तार किया गया जब ईडी की जांच में यह सामने आया था कि उन्होंने और उनके सहयोगियों ने कथित तौर पर अपने पद का दुरुपयोग किया और सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचाया।

ईडी के अनुसार भुजबल ने नयी दिल्ली में महाराष्ट्र सदन के निर्माण सहित निर्माण और विकास कार्यों से संबंधित ठेके एक विशेष फर्म को दिए और बदले में उन्होंने अपने और अपने परिवार के लिए रिश्वत ली थी।

भाषा शोभना वैभव

वैभव