वंशवाद पर मोदी का कांग्रेस पर वॉर, कहा- प्रेस से पार्लियामेंट, सोल्जर्स से फ्री स्पीच, कॉन्स्टिट्यूशन से कोर्ट तक कुछ भी नहीं छोड़ा

वंशवाद पर मोदी का कांग्रेस पर वॉर, कहा- प्रेस से पार्लियामेंट, सोल्जर्स से फ्री स्पीच, कॉन्स्टिट्यूशन से कोर्ट तक कुछ भी नहीं छोड़ा

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  • Publish Date - March 20, 2019 / 07:59 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:53 PM IST

नई दिल्ली। ब्लॉग लिखकर PM मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने वंशवाद को लेकर ट्वीट कर लिखा कि वंशवाद की राजनीति से सबसे अधिक नुकसान संस्थाओं को हुआ है। प्रेस से पार्लियामेंट तक, सोल्जर्स से लेकर फ्री स्पीच तक। कॉन्स्टिट्यूशन से लेकर कोर्ट तक। कुछ भी नहीं छोड़ा। आपकों बता दें कि प्रियंका गांधी आज बोट यात्रा के जरिए पीएम मोदी की संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचेंगी।

<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”hi” dir=”ltr”>वंशवाद की राजनीति से सबसे अधिक नुकसान संस्थाओं को हुआ है।<br><br>प्रेस से पार्लियामेंट तक।<br> <br>सोल्जर्स से लेकर फ्री स्पीच तक।<br> <br>कॉन्स्टिट्यूशन से लेकर कोर्ट तक।<br><br>कुछ भी नहीं छोड़ा।<br><br>कुछ विचार साझा कर रहा हूं…<a href=”https://t.co/7zbt24FtFP”>https://t.co/7zbt24FtFP</a></p>&mdash; Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) <a href=”https://twitter.com/narendramodi/status/1108211016721141760?ref_src=twsrc%5Etfw”>March 20, 2019</a></blockquote>
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उन्होंने आगे लिखा है कि वंशवाद की राजनीति ने देश को खोखला बना दिया है। ये राजनीति जब भी हावी हुई है, तब-तब देश की संस्था कमजोर हुई है। पीएम ने आगे कहा कि “वंशवाद को बढ़ावा देने वाली पार्टियां कभी भी स्वतंत्र और निर्भीक पत्रकारिता के साथ सहज नहीं रही हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि कांग्रेस सरकार द्वारा लाया गया सबसे पहला संवैधानिक संशोधन फ्री स्पीच पर रोक लगाने के लिए ही था। फ्री प्रेस की पहचान यही है कि वो सत्ता को सच का आईना दिखाए, लेकिन उसे अश्लील और असभ्य की पहचान देने की कोशिश की गई।

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उन्होंने आगे लिखा है कि साल 2014 में देशवासी इस बात से बेहद दुखी थे कि हम सबका प्यारा भारत आखिर फ्रेजाइल फाइव देशों में क्यों है? क्यों किसी सकारात्मक खबर की जगह सिर्फ भ्रष्टाचार, चहेतों को गलत फायदा पहुंचाने और भाई-भतीजावाद जैसी खबरें ही हेडलाइन बनती थीं।

तब आम चुनाव में देशवासियों ने भ्रष्टाचार में डूबी उस सरकार से मुक्ति पाने और एक बेहतर भविष्य के लिए मतदान किया था। वर्ष 2014 का जनादेश ऐतिहासिक था। भारत के इतिहास में पहली बार किसी गैर वंशवादी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला था। जब कोई सरकार ‘Family First’ की बजाए ‘India First’ की भावना के साथ चलती है तो यह उसके काम में भी दिखाई देता है।

यह हमारी सरकार की नीतियों और कामकाज का ही असर है कि बीते पांच वर्षों में, भारत दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है।

हमारी सरकार के दृढ़संकल्प का ही नतीजा है कि आज भारत ने सेनिटेशन कवरेज में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। 2014 में जहां स्वच्छता का दायरा महज 38% था, वो आज बढ़कर 98% हो गया है। हमारी सरकार के प्रयासों से ही हर गरीब का आज बैंक में खाता है। जरूरतमंदों को बिना बैंक गारंटी के लोन मिले हैं। भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया है। बेघरों को घर उपलब्ध कराए गए हैं। गरीबों को मुफ्त चिकित्सा की सुविधा मिली है और युवाओं को बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसर मिले हैं।

आज हर क्षेत्र में हुए इस बुनियादी परिवर्तन का अर्थ यह है कि देश में एक ऐसी सरकार है, जिसके लिए देश की संस्थाएं सर्वोपरि हैं। भारत ने देखा है कि जब भी वंशवादी राजनीति हावी हुई तो उसने देश की संस्थाओं को कमजोर करने का काम किया।

वंशवाद को बढ़ावा देने वाली पार्टियां कभी भी स्वतंत्र और निर्भीक पत्रकारिता के साथ सहज नहीं रही हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि कांग्रेस सरकार द्वारा लाया गया सबसे पहला संवैधानिक संशोधन फ्री स्पीच पर रोक लगाने के लिए ही था। फ्री प्रेस की पहचान यही है कि वो सत्ता को सच का आईना दिखाए, लेकिन उसे अश्लील और असभ्य की पहचान देने की कोशिश की गई। यूपीए के शासनकाल में भी ऐसा ही देखने को मिला, जब वे एक ऐसा कानून लेकर आए, जिसके मुताबिक अगर आपने कुछ भी ‘अपमानजनक’ पोस्ट कर दिया तो आपको जेल में डाल दिया जाएगा। यूपीए के ताकतवर मंत्रियों के बेटे के खिलाफ एक ट्वीट भी निर्दोष आदमी को जेल में डाल सकता था।

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कुछ दिनों पहले ही देश ने उस डर के साये को भी देखा, जब कुछ युवाओं को कर्नाटक में एक कार्यक्रम के दौरान अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की वजह से गिरफ्तार कर लिया गया, जहां कांग्रेस सत्ता में है। लेकिन, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि किसी भी तरह की धमकी से जमीनी हकीकत नहीं बदलने वाली है। अगर वे जबरदस्ती अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रोकने का प्रयास करेंगे, तब भी कांग्रेस को लेकर लोगों की धारणा नहीं बदलेगी।