मोदी के ‘पुराने व्याख्यान’ अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाली ‘विफलताओं’ को नहीं छिपा सकते: खरगे

मोदी के ‘पुराने व्याख्यान’ अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाली ‘विफलताओं’ को नहीं छिपा सकते: खरगे

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  • Publish Date - October 6, 2024 / 04:42 PM IST,
    Updated On - October 6, 2024 / 04:42 PM IST

नयी दिल्ली, छह अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोला और कहा कि वही पुरानी बातें दोहराने वाले उनके ‘बासी भाषण’ देश की अर्थव्यवस्था के हर पहलू को प्रभावित करने वाली उनकी ‘पूर्ण विफलताओं’ को नहीं छिपा सकते।

खरगे ने ‘एक्स’ पर कहा, “मोदीनॉमिक्स भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अभिशाप है”। उन्होंने घरेलू ऋणग्रस्तता, मूल्य वृद्धि एवं विनिर्माण क्षेत्र की समस्याओं जैसे मुद्दे उठाए और दावा किया कि “मेक इन इंडिया बुरी तरह विफल हो गया है”।

उन्होंने कहा, “नरेन्द्र मोदी जी, आपके वही पुराने व्याख्यान, जो बार-बार दोहराए जाते हैं, भारत की अर्थव्यवस्था के हर पहलू को प्रभावित करने वाली आपकी स्पष्ट विफलताओं को नहीं छिपा सकते!”

खरगे ने कहा कि वास्तविक रूप से घरेलू देनदारियों/ऋणग्रस्तता में 2013-14 से 2022-23 तक 241 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में घरेलू ऋण 40 प्रतिशत के सर्वकालिक उच्च स्तर पर है।

खरगे ने बताया कि घरेलू बचत 50 साल के निचले स्तर पर है और कोविड-19 महामारी के बाद से भारतीय परिवारों की खपत उनकी आय से अधिक हो गई है।

उन्होंने कहा, “सितंबर 2024 में घर की शाकाहारी थाली की कीमत पिछले साल के मुकाबले 11 प्रतिशत बढ़ गई है। इस अव्यवस्था के लिए भाजपा द्वारा थोपी गई महंगाई और असंगठित क्षेत्र की बर्बादी जिम्मेदार है!”

खरगे ने कहा, “10 वर्षों में ‘मेक इन इंडिया’ बुरी तरह विफल हो गया है, क्योंकि कांग्रेस-संप्रग के दौरान भारत के बढ़ते निर्यात के लाभ को आपकी नीतियों ने खत्म कर दिया है।”

उन्होंने कहा, “ ‘भारत की निर्यात वृद्धि’ – कांग्रेस-संप्रग: 2004 से 2009 -186.59 प्रतिशत, 2009 से 2014 -94.39 प्रतिशत; भाजपा-राजग: 2014-2019 – 21.14 प्रतिशत, 2019-2023 – 56.8 प्रतिशत।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि 2014-15 और 2023-24 के बीच विनिर्माण क्षेत्र की औसत वृद्धि दर सिर्फ 3.1 प्रतिशत (भाजपा-राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) है, जबकि 2004-05 और 2013-14 के बीच औसत वृद्धि दर 7.85 प्रतिशत (कांग्रेस-संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) थी।”

खरगे ने कहा कि इस “विनाशकारी नीति” ने विनिर्माण क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों की हिस्सेदारी को 15.85 प्रतिशत (2017-18) से घटाकर 11.4 प्रतिशत (2023-24) कर दिया है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सूरत में हीरा श्रमिकों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनके वेतन में 30 प्रतिशत तक की कटौती कर दी गई है और प्रमुख हीरा इकाइयां सप्ताह में केवल चार दिन ही काम करने को मजबूर हैं।

उन्होंने दावा किया कि पिछले छह महीनों में 60 से अधिक हीरा कारीगरों ने आत्महत्या कर ली है।

खरगे ने कहा, “मनरेगा पर कांग्रेस पार्टी को घेरने के अपने प्रचार में, आप जानबूझकर इस मांग-आधारित योजना के लिए अधिक धन आवंटित करने में विफल रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “आपकी सरकार ने मजदूरी में देरी करके और विपक्षी (शासित) राज्यों को समय पर धन मुहैया न कराकर कृत्रिम रूप से मांग को कम कर दिया है।”

उन्होंने कहा कि अगस्त 2024 में मनरेगा के तहत काम की मांग घटकर सिर्फ 1.6 करोड़ रह गई है, जो अक्टूबर 2022 के बाद से सबसे कम मासिक मांग है।

भाषा प्रशांत रंजन

रंजन