लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जल जीवन मिशन के अन्तर्गत विंध्य क्षेत्र के मिर्जापुर एवं सोनभद्र जिलों में 5555.38 करोड़ रूपये की लागत से तैयार होने वाली 23 ग्रामीण पाइप पेयजल परियोजनाओं का शिलान्यास वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से किया। आजादी के बाद दशकों तक इस क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र को हमारी सरकार ने जितनी प्राथमिकता दी उतनी पहले कभी नहीं दी गई।
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सोनभद्र जिले के विकास खंड चतरा के ग्राम पंचायत करमांव में आयोजित मुख्य कार्यक्रम को प्रधानमंत्री वीडियो कांफ्रेंस के जरिये संबोधित कर रहे थे। इस परियोजना के पूरा होने से दोनों जिलों के 2,955 गांवों के करीब 42 लाख लोगों को शुद्ध पेयजल का लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह में शामिल महिला फूलपत्ती देवी से संवाद करते हुए उनसे कोरोना वायरस संक्रमण और जल की शुद्धता पर चर्चा की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी ग्राम पंचायत करमांव में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने फूलपत्ती से संवाद में पेयजल परियोजना से होने वाले लाभ की चर्चा के साथ जल संरक्षण पर जोर दिया। मोदी ने कहा कि ग्राम पंचायतों को जल जीवन मिशन के तहत अधिकार संपन्न बनाया जा रहा है और गांवों में पानी के स्रोतों के संरक्षण से लेकर रखरखाव पर भी जोर है।
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प्रधानमंत्री ने बिना किसी राजनीतिक दल का नाम लिए विंध्य क्षेत्र की लगातार उपेक्षा का आरेाप लगाया और भरोसा दिया कि विकास यात्रा में भागीदार की तरह सरकार आपके साथ है।मोदी ने कहा कि सरकार आपकी समस्या को समझती है और यह पेयजल योजना समय से पहले पूरी होगी, यह मां विंध्यवासिनी की कृपा है कि लाखों परिवारों के लिए योजना शुरू हो रही है। उन्होंने विंध्य क्षेत्र की आस्था और पुरातन संस्कृतियों की चर्चा के साथ रहीम दास का दोहा पढ़ा – जापर विपदा पड़त है, सो आवत एहि देश। मोदी ने कहा कि रहीम दास के इस विश्वास का कारण विंध्य क्षेत्र का अपार संसाधन और यहां नदियों की बहुलता है लेकिन आजादी के बाद दशकों तक उपेक्षा के शिकार विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र के लोग प्यास और सूखे की मार सहते रहे हैं।
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उन्होंने अपनी सरकार और राज्य सरकार द्वारा जनहित में चलाई जा रही परियोजनाओं को गिनाते हुए मिर्जापुर की सांसद और राजग गठबंधन में सहयोगी अपना दल(एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल के पिता डॉक्टर सोनेलाल पटेल का जिक्र किया। मोदी ने कहा कि डॉ. सोनेलाल पटेल विंध्य क्षेत्र में पानी की समस्या को लेकर बहुत चिंतित रहते थे और आज उनकी आत्मा को बहुत संतोष होगा व हम सब पर उनका आशीर्वाद बरस रहा होगा। मोदी ने कहा कि तीन हजार गांवों तक पानी पहुंचेगा तो 41 लाख से ज्यादा लोगों का जीवन बदल जाएगा। मुख्य कार्यक्रम में मौजूद सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अपने पिता को याद किये जाने पर मोदी के प्रति आभार जताया। मोदी ने अपने नारे ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ को दोहराया और डॉ. सोनेलाल पटेल को याद कर उन्होंने अपने सहयोगी दल को भी मजबूती दी।
उन्होंने महिलाओं को पेयजल संरक्षण के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि जब जीवन की सबसे बड़ी समस्या हल होने लगती है तो आत्मविश्वास झलकता है। उन्होंने सोनभद्र में आयोजित कार्यक्रम के उत्सवपूर्ण माहौल की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह उत्साह और उमंग पानी के प्रति आपकी संवेदनशीलता को प्रदर्शित करता है। मोदी ने कहा कि 2.60 करोड़ घरों में नल से शुद्ध पानी देने का इंतजाम हो चुका है और इसमें लाखों परिवार उत्तर प्रदेश के हैं। मोदी ने कहा कि अब दिल्ली में बैठकर कोई योजना तय नहीं होती बल्कि किस क्षेत्र में कैसा घर बनना चाहिए और आदिवासी इलाकों को कैसी सुविधा की जरूरत है, उस हिसाब से योजना बनती है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर गांव से आत्मनिर्भर भारत के अभियान को बल मिलता है। मोदी ने विंध्य क्षेत्र में जमीनों को लेकर होने वाले विवादों की चर्चा के साथ कहा कि सरकार इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए स्वामित्व योजना के तहत घर-जमीन के कानूनी दस्तावेज तैयार कर मालिक को सौंपने जा रही है, इससे कब्जे की आशंका समाप्त हो जाएगी और कागज मिलने के बाद सभी संकट से मुक्त हो जाएंगे।
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उन्होंने कहा कि जनजातीय युवाओं के लिए एकलव्य मॉडल स्कूल स्वीकृत किये गये हैं जहां बच्चों को छात्रावास की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ साथ कमाई की भी संभावना तलाशी जा रही है और 1250 वन धन केंद्र देश में खोले जा रहे हैं, वनोपज आधारित उद्योग आदिवासी क्षेत्रों में लगाये जा रहे हैं। मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए बने कोष में 800 करोड़ रुपये एकत्र हो गये हैं और 6,500 परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमण के बावजूद उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा उदाहरण बन गई है, पहले उत्तर प्रदेश के प्रति लोगों की जो धारणा थी वह छवि अब पूरी तरह बदल रही है। उन्होंने कहा कि अब शुद्ध जल मिलेगा और इससे मासूम बच्चे, आम इंसान और यहां तक कि पशुओं की भी सेहत ठीक रहेगी।
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मोदी ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के प्रयास से इंसेफेलाइटिस समेत तमाम रोगों में भारी कमी आई है और मासूम बच्चों का जीवन बचाने में योगी जी और उनकी टीम पर आशीर्वाद की बारिश हो रही है। प्रधानमंत्री ने इंसेफेलाइटिस मामलों में कमी लाने और कोरोना वायरस संकट में प्रवासियों को उनके घर पहुंचाने और उनको रोजगार देने के लिए योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण से सावधान करने की अपनी नसीहत भी दोहराई। इससे पहले अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार मिर्जापुर में नौ और सोनभद्र में 14 परियोजना शुरू करने जा रही है जिससे 41 लाख से ज्यादा ग्रामीणों को हर घर नल योजना की सौगात मिलेगी। योगी ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक विंध्य क्षेत्र में कुल 398 गांवों में पेयजल परियोजना थी, लेकिन अब प्रधानमंत्री की वजह से 2,995 गांवों में पेयजल परियोजना शुरू होने जा रही है।
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उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक है और आज का दिन विंध्य क्षेत्र के लिए किसी दीपावली, विजयादशमी और छठ जैसे पर्व से कम नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास सबका-तुष्टीकरण किसी का नहीं, यह हमारा सूत्र है और आज सरकार बिना भेदभाव विकास कर रही है। उन्होंने कहा कि जनजातियों के विकास के लिए सरकार अनेक योजनाएं चला रही है। योगी ने योजना का भी जिक्र किया और यह भी कहा कि सोनभद्र जिला प्रशासन अपनी खूबियों पर एक काफी टेबल बुक तैयार कर रहा है और हम अपनी हर खूबियों की ब्रांडिंग करेंगे।
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उन्होंने कहा कि सरकार मिर्जापुर के 1606 गांवों में पाइप के जरिये पेय जल आपूर्ति शुरू करेगी और इस योजना से मिर्जापुर के 21,87,980 ग्रामीणों को सीधा फायदा होगा। उन्होंने कहा कि सोनभद्र के 1389 गांवों को भी योजना से जोड़ने की शुरुआत होगी और इन गांवों के 19,53,458 लोग पेय जल आपूर्ति योजना से जुड़ेंगे। योगी ने कहा कि सोनभद्र में झील और नदियों के पानी को शुद्ध करके पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने विंध्य क्षेत्र की जनता की ओर से प्रधानमंत्री का आभार ज्ञापन किया। सोनभद्र में इस योजना पर सरकार 3212 .18 करोड़ रुपये खर्च करेगी। मिर्जापुर में बांध पर एकत्र किए गए पानी को शुद्ध करके पीने योग्य बना कर आपूर्ति की जाएग। इस योजना की लागत 2343.20 करों रुपये तय की गई है। अगले दो साल के भीतर योजना को पूरा कर गांवों में पानी की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।