नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) कांग्रेस ने केंद्रीय बजट पेश किए जाने से दो दिन पहले बृहस्पतिवार को अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर एक रिपोर्ट जारी की और दावा किया कि मोदी सरकार भारत को मध्यम आय के जाल (मिडल इनकम ट्रैप) में फंसा रही है, जिससे देश अप्रतिस्पर्धी होने के साथ अल्प उत्पादन और असमानता की चपेट में आ जाएगा।
मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि सरकारी आंकड़ों में भले ही वर्ष 2024-25 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि 6.4 प्रतिशत होने की उम्मीद जताई गयी है, लेकिन यह दर कोई जश्न मनाने वाली स्थिति नहीं है क्योकि यदि भारत अपनी आबादी का लाभ लेना चाहता है तो उसे आठ प्रतिशत वृद्धि हासिल करनी होगी।
उसने आरोप लगाया कि कि सरकार देश को ‘मिडल इनकम ट्रैप’ में फंसा रही है।
‘मिडिल इनकम ट्रैप’ एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी देश की प्रति व्यक्ति आय मध्य स्तर तक ही सिमट कर रह जाती है और उच्च आय की श्रेणी की तरफ नहीं बढ़ पाती।
कांग्रेस के अनुसंधान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एम वी राजीव गौड़ा और उनकी टीम ने ‘अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति 2025’ शीर्षक वाली यह रिपोर्ट तैयार की है, जिसे बृहस्पतिवार को यहां पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने जारी किया।
इस मौके पर चिदंबरम ने दावा किया कि अर्थव्यवस्था सुस्ती में है तथा आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट आ रही है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत पिछले कुछ वर्षों में लक्ष्य हासिल करने में लगातार विफल रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में परिस्थितियों के अनुकूल होने के बावजूद जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट हुई।
कांग्रेस ने इस रिपोर्ट में कहा, ‘‘यह सरकार के एक दशक के आर्थिक कुप्रबंधन का परिणाम है और यह उन लाखों भारतीय नागरिकों के लिए त्रासदी का संकेत है जो पहले ही बढ़ती असमानता से जूझ रहे हैं।’’
मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि भाजपा सरकार के पिछले एक दशक में औसत वृद्धि दर छह प्रतिशत रही, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में यह 7.6 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘अनियोजित’’ लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था को एक ठहराव में ला दिया और इसके अगले वर्षों में, कुछ सुधार हुए लेकिन वह भी कम होते जा रहे हैं।
इसमें कहा गया है, ‘‘देश के हर कोने में परिवार, श्रमिक, किसान और व्यवसाय सरकार की मुख्य प्रतिबद्धताओं और चुनावी वादों को पूरा करने में विफलता का बोझ महसूस कर रहे हैं।’’
कांग्रेस ने कहा कि अर्थव्यवस्था को ठीक करने की दिशा में पहला कदम यह स्वीकार करना है कि क्या गलत हो रहा है, लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है।
भाषा हक
हक माधव
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