मोदी सरकार ने पेश किया ‘नकलची’ और ‘कुर्सी बचाओ’ बजट: कांग्रेस

मोदी सरकार ने पेश किया ‘नकलची’ और ‘कुर्सी बचाओ’ बजट: कांग्रेस

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  • Publish Date - July 23, 2024 / 06:36 PM IST,
    Updated On - July 23, 2024 / 06:36 PM IST

नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) कांग्रेस ने मंगलवार को पेश केंद्रीय बजट को ‘नकलची’ तथा ‘कुर्सी बचाओ’ बजट करार दिया और कहा कि सरकार को मुख्य विपक्षी दल का धन्यवाद करना चाहिए क्योंकि उसने उसके चुनावी घोषणापत्र से कई बिंदुओं को ‘कॉपी-पेस्ट’ कर लिया।

मुख्य विपक्षी दल ने यह दावा भी किया कि इस बजट में महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तथा आम लोगों को कोई राहत प्रदान नहीं की गई।

पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की तरक्की वाला नहीं, बल्कि ‘मोदी सरकार बचाओ’ बजट पेश किया है।

उन्होंने दावा किया कि यह ‘नकलची बजट’ है जिसमें सरकार कांग्रेस के ‘न्याय’ के एजेंडे की ठीक तरह से नकल भी नहीं कर पाई है।

खरगे ने एक बयान में कहा, ‘‘कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का ‘नकलची बजट’ ! मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन के साथियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी “रेवड़ियां” बांट रहा है, ताकि राजग सरकार बची रहे। यह “देश की तरक्की” का बजट नहीं, “मोदी सरकार बचाओ” बजट है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘10 साल बाद उन युवाओं के लिए सीमित घोषणाएं हुईं हैं, जो सालाना दो करोड़ नौकरियों के जुमले को झेल रहे हैं। किसानों के लिए केवल सतही बातें हुईं हैं। डेढ़ गुना एमएसपी और आय दोगुना करना, सब चुनावी धोखेबाजी निकली। ग्रामीण वेतन (आय) को बढ़ाने का इस सरकार का कोई इरादा नहीं है।”

कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक, दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक, मध्यम वर्ग और गांव-गरीब लोगों के लिए कोई भी क्रांतिकारी योजना नहीं है, जैसी कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने लागू की थी।

उन्होंने दावा किया महिलाओं के लिए इस बजट में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे उनकी आर्थिक क्षमता बढ़े और वे श्रम बल में अधिक से अधिक शामिल हों।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सरकार ने ‘‘कुर्सी बचाओ’’ बजट पेश किया है जिसमें भारतीय जनता पार्टी को खुश करने के लिए दूसरे राज्यों की कीमत पर खोखले वादे किए गए हैं।

उन्होंने यह दावा भी किया कि यह बजट कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र और पिछले कुछ बजट की नकल है।

राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सहयोगियों को खुश करने के लिए अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे खोखले वादे किए गए। अपने मित्रों को खुश किया गया, ‘एए’ को लाभ दिया गया, लेकिन आम भारतीय को कोई राहत नहीं दी गई।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस का घोषणापत्र और पिछले कुछ बजट का ‘कॉपी-पेस्ट’ किया गया है।’’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने केंद्रीय बजट को निराशाजनक करार देते हुए सोमवार को कहा कि महंगाई एवं बेरोजगारी को लेकर कुछ ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं तथा आम लोगों को कोई राहत नहीं दी गई है।

उन्होंने यह भी कहा कि दो तरह की कर प्रणाली सही विचार नहीं है और इसे स्वीकारा नहीं जा सकता।

चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, “इस सरकार का पहला बजट बहुत निराशाजनक है।” उन्होंने दावा किया कि बेरोजगारी के मोर्चे पर सरकार ने कोई प्रभावशाली कदम नहीं उठाए हैं।

उनका कहना था, “यह दावा कि वित्त मंत्री द्वारा घोषित योजनाओं से 2.90 करोड़ लोगों को लाभ होगा, अत्यधिक अतिशयोक्तिपूर्ण है।”

चिदंबरम ने दावा किया कि मोदी सरकार ने सिर्फ सरकार बचाने के बारे में सोचकर बजट तैयार किया।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि सीतारमण का बजट भाषण दिखावे पर ज्यादा केंद्रित रहा है तथा केंद्र सरकार ने 10 साल तक इनकार करने के बाद स्वीकार किया है कि बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने केंद्रीय बजट-2024-25 में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है जिसके तहत युवाओं को ‘इंटर्नशिप’ के साथ 5,000 रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा।

कांग्रेस ने हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणापत्र (न्याय पत्र) में प्रशिक्षुता के अधिकार का वादा किया था जिसके तहत उसने डिप्लोमा एवं डिग्रीधारक बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण के साथ एक साल तक हर महीने 8500 रुपये देने का वादा किया था। कांग्रेस ने इस कार्यक्रम को ‘पहली नौकरी पक्की’ नाम भी दिया था।

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र-2024 से सीख ली है और इसका ‘इंटर्नशिप’ कार्यक्रम स्पष्ट रूप से कांग्रेस के प्रस्तावित प्रशिक्षुता कार्यक्रम पर आधारित है, जिसे ‘पहली नौकरी पक्की’ कहा गया था। हालांकि, अपनी चिर-परिचित शैली में योजना को सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए गारंटी के बजाय मनमाने लक्ष्य (एक करोड़ इंटर्नशिप) के साथ, सुर्खियां बटोरने के लिए डिजाइन किया गया है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘10 साल के इनकार के बाद ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार अंततः चुपचाप स्वीकार करने के लिए आगे आई है कि बड़े पैमाने पर बेरोजगारी एक राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।’’

रमेश ने कहा कि अब तक बहुत देर हो चुकी है और लगता है कि बजट भाषण कदम उठाने की तुलना में दिखावे पर अधिक केंद्रित है।

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कॉपी-पेस्ट सरकार। 2024-25 के बजट में कांग्रेस की घोषणा पत्र का असर। निर्मला सीतारमण को कांग्रेस के ‘न्याय पत्र 2024’ का सहारा लेना पड़ा। कांग्रेस के 5 ‘न्याय’ में सबसे पहला युवा न्याय। पहली नौकरी पक्की: युवा न्याय के तहत हर डिग्री/ डिप्लोमा धारक को एक लाख रुपये मानदेय देने का वादा किया गया था’’

उन्होंने कहा, ‘‘बजट 2024-25 में सिर्फ एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप का प्रावधान, इंटर्नशिप के दौरान साठ हजार रुपये का प्रावधान। हालांकि, मोदी सरकार को इस विचार के लिए कांग्रेस को धन्यवाद देना चाहिए।’’

भाषा

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