नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि कांग्रेस दशकों तक सत्ता में रहने के बावजूद बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने में विफल रही जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (सरकार) द्वारा उठाए गए कदमों से युवाओं का प्रतिभा पलायन कम हुआ है।
पाटिल ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अब विदेश गए लोग भी वापस आ रहे हैं और देश की प्रगति में योगदान दे रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने एक सवाल के जवाब में आरोप लगाया कि आज देश के सामने जो चुनौतियां हैं, वे कांग्रेस के 70 वर्ष के कार्यकाल के दौरान काम न कर पाने का सीधा परिणाम हैं।
उन्होंने पूछा, “मोदी सरकार 10 वर्ष से सत्ता में है। इससे पहले 70 वर्षों में उन्होंने (कांग्रेस) क्या किया?”
पाटिल ने कहा, “अगर उन्होंने ठीक से काम किया होता तो मोदी जी को अब इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती।”
उन्होंने 80 करोड़ लोगों के लिए सरकार की मुफ्त खाद्य वितरण योजना की ओर भी इशारा करते हुए कहा, “आज पांच किलो मुफ्त खाद्यान्न वितरित करने की आवश्यकता नहीं होती।”
पाटिल ने कहा कि 80 करोड़ लोगों को अब भी मुफ्त अनाज की आवश्यकता है, यह दर्शाता है कि उन्होंने (कांग्रेस) 70 वर्षों में देश को कहां पहुंचा दिया है।
मंत्री ने कहा कि उन्हें (कांग्रेस को) जवाब देना चाहिए कि सात दशकों तक शासन करने के बाद भी स्थिति ऐसी क्यों है।
पाटिल ने मोदी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कौशल विकास और रोजगार सृजन पहलों में उल्लेखनीय प्रगति का उल्लेख किया।
उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन जैसे कार्यक्रम भी युवाओं को अपने गांवों में रोजगार पाने में सक्षम बना रहे हैं।
पाटिल ने कहा, “पहले युवा अवसरों की तलाश में विदेश जाते थे लेकिन अब विदेश गए युवा भी वापस लौट रहे हैं और देश की प्रगति में योगदान दे रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत 1.5 करोड़ से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।
उन्होंने ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ कार्यक्रम की सफलता का भी हवाला दिया, जिसे उन्होंने भारत के युवाओं की स्थिति में निर्णायक भूमिका निभाई है।
पाटिल के अनुसार, इस कार्यक्रम के तहत 1.52 लाख से अधिक स्टार्टअप को मान्यता दी गई है, जिससे 16.67 लाख नौकरियां पैदा हुई हैं।
पाटिल ने युवाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि पीएम विश्वकर्मा जैसी योजनाएं प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता दोनों प्रदान कर रही हैं, जिससे कारीगरों व श्रमिकों को भारत की आर्थिक वृद्धि में योगदान करने में मदद मिल रही है।
भाषा जितेंद्र नरेश
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