नई दिल्ली। 7th pay commission Pay DA Hike Latest News : दिवाली के पहले केंद्र मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। आज केंद्रीय कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। जिसमें मोदी सरकार ने महंगाई भत्ते में इजाफा (DA Hike) करके कर्मचारियों को दिवाली गिफ्ट दिया है। कैबिनेट ने 3 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान कर प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। अब केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाला डीए बढ़कर 53 फीसदी हो गया है। त्योहारी सीजन में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है।
7th pay commission Pay DA Hike Latest News : केंद्रीय कर्मचारियों को फिलहाल 50 फीसदी DA मिल रहा था और सरकारी सूत्रों के मुताबिक दिवाली से पहले ही सरकार इसमें 3 फीसदी का इजाफा करके उन्हें बड़ा तोहफा दे दिया है। डीए में ये ताजा बढ़ोतरी का लाभ 1 जुलाई 2024 से मिलेगा। मतलब केंद्रीय कर्मचारियों की दिवाली (Diwali) और भी रोशन हो गई है, क्योंकि उनकी सैलरी में बंपर इजाफा देखने को मिलेगा।
आम तौर पर केंद्र सरकार जनवरी और जुलाई में कर्मचारियों के डीए में संशोधन करती है। इससे पहले बीते 24 मार्च 2024 को केंद्रीय कर्मचारियों को 4% DA Hike का तोहफा दिया था। इस इजाफे के साथ उन्होंने मिलने वाला महंगाई भत्ता 46% से बढ़ाकर 50% कर दिया गया था। अब ताजा इजाफे के बाद ये बढ़कर 53 फीसदी हो गया है।
महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है जो महंगाई बढ़ने के बावजूद सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए दिया जाता है। यह पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मिलता है। इसका कैलकुलेशन देश की मौजूदा महंगाई के अनुसार हर 6 महीने पर किया जाता है। इसकी गणना संबंधित वेतनमान के आधार पर कर्मचारियों के मूल वेतन के अनुसार की जाती है। महंगाई भत्ता शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण क्षेत्र के कर्मचारियों का अलग-अलग हो सकता है।
मोदी सरकार द्वारा महंगाई भत्ते में किए गए इजाफे के बाद अब केंद्रीय कर्मचारियों को तीन महीने का एरियर भी मिलेगा। इसके तहत कर्मचारियों को मिलने वाली अक्टूबर की सैलरी में जुलाई, अगस्त और सितंबर महीने का एरियर भी जुड़कर आएगी। यानी दिवाली के मौके पर उनके हाथ में मोटी रकम आएगी।
यहां बता दें कि कर्मचारियों को मिलने वाले डीए की गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) से संबंधित होती है, जो बीते 12 महीनों में रिटेल इन्फ्लेशन को ट्रैक करता है। दुनिया के महंगाई के दबाव और बढ़ती लागतों के साथ, यह निर्णय देश भर में घरेलू बजट के मैनेजमेंट के लिए महत्वपूर्ण है।