नई दिल्लीः Wakf Board Amendment Bill लोकसभा में आज मोदी सरकार वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश करेगी। बिजनेस अडवाइजरी कमेटी में चर्चा के बाद अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू सदन में पेश करेंगे। जब से इस बिल के संसद में आने की बात और बिल के मसौदा सामने आया है, मुस्लिम समाज से लेकर मुस्लिम नेताओं और विपक्ष में इसे लेकर खासा रोष दिखाई दे रहा है। इस बिल के पेश होने के दौरान भी आज भी सदन में हंगामें के आसार है।
Wakf Board Amendment Bill वक्फ के पास देश में सबसे बड़ी चल और अचल संपत्ति है। हालांकि, इससे ऊपर रेलवे और डिफेंस हैं, लेकिन वह सरकारी संपत्ति है। इस बिल में सरकार मौजूदा वक्फ बोर्ड अधिनियम की धारा-40 को भी बदलने की तैयारी में है। यह नियम बोर्ड को किसी संपत्ति को अपनी जमीन घोषित करने की ताकत देता है। इस नए बिल में केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों का रोल काफी संशोधित किया जा सकता है, साथ ही इन निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है। इस बिल पर पिछले 2 महीने में सरकार ने लगभग 70 ग्रुप से मशविरा किया है। बिल का मकसद वक्फ संपत्तियों को अवैध कब्जे से निजात दिलाना है।
सूत्रों ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता कानून को लोकसभा में सर्वसम्मति से पारित कराना है, और वह इसे संयुक्त रूप से भेजने के लिए आगे की चर्चा के लिए समिति को भी तैयार है। सूत्रों ने बताया कि पिछले दो महीनों में सरकार ने बिल पर करीब 70 समूहों से सलाह ली है। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के अलावा गरीब मुसलमानों और मुस्लिम महिलाओं को न्याय प्रदान करना है।
इस विधेयक में बोहरा और आगाखानियों के लिए एक अलग औकाफ बोर्ड की स्थापना का भी प्रस्ताव है। मसौदा कानून मुस्लिम समुदायों के बीच शिया, सुन्नी, बोहरा, आगखानी और अन्य पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधित्व की सिफारिश करता है। इसका एक उद्देश्य केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के माध्यम से वक्फ के पंजीकरण के तरीके को सुव्यवस्थित करना है। किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने से पहले सभी संबंधितों को उचित नोटिस के साथ राजस्व कानूनों के अनुसार एक विस्तृत प्रक्रिया करनी पड़ेगी।
लोकतंत्र में इस तरह की हिंसा की कोई जगह नहीं…
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