नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने जिस मुद्दे का सबसे मुखर होकर विरोध किया था वही अब सरकर बनने के बाद उसपर उन्हें रोलबैक करना पड़ सकता है। दरअसल यह मुद्दा हैं मुस्लिमों को मिलने वाले आरक्षण का। भाजपा नेताओं समेत खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जनसभाओं में मुस्लिमों को मिलने वाले आरक्षण की जमकर आलोचना की थी। उन्होंने कांग्रेस की सरकारों को कोसते हुए कई दफे कहा कि उन्होंने एससी, एसटी और पिछड़े वर्ग के अधिकारों को छीनकर मुस्लिमों को देने का काम किया हैं। नई सरकार इस व्यवस्था की समीक्षा करेगी और धर्म के आधार पर आरक्षण को भी ख़त्म करेगी।
जाहिर हैं तब भाजपा को उम्मीद थी कि वह केंद्र में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेगी और फिर इस फैसले को अमल में लाएगी। लेकिन अल्पमत में रही भाजपा को अब जेडीयू और तेदेपा जैसी पार्टियों के सहयोग से सरकार बनानी पड़ रही है। लिहाजा गठबंधन सरकार में अब इस तरह के फैसले में लेने में उन्हें स्वाभाविक दिक्कतें आएंगी।
बहरहाल सहयोगी पार्टी तेदेपा के नेता के. रविन्द्र कुमार ने साफ कर दिया है कि आंध्र प्रदेश में मुसलमानों को आरक्षण दिया जाता रहेगा। रविन्द्र कुमार ने कहा – हां, हमलोग इसे जारी रखेंगे। इसमें कोई परेशानी की बात नहीं है। बता दें कि के. रविन्द्र कुमार 2018 से 2024 तक तेलुगू देशम पार्टी के सदस्य के तौर पर राज्यसभा का प्रतिनिधित्त्व कर चुके हैं। उनकी उम्र 67 साल है। रविन्द्र आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के अवानिगाड्डा के रहने वाले हैं।