नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने राजीव गांधी के पुण्यतिथि के दिन आतंक विरोधी दिवस मनाने का ऐलान किया। इसके लिए गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिखा है। एक तरफ सरकार के इस फैसले की खूब चर्चा हो रही है तो वहीं दूसरी ओर इसके कई राजनैतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
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राजीव गांधी की मृत्यु 21 मई साल 1991 में हुई थी। एक महिला अपने शरीर पर विस्फोटक लगाकर आई, वह राजीव गांधी के पैर छूने के लिए जैसे ही झुकी तेज धमाका हुआ और राजीव गांधी समेत 25 लोगों की मौत हो गई। ऐसा माना जाता है कि उनकी मौत का ताल्लुक कहीं ना कहीं आतंकी संगठन से भी था।
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ऐसे में कांग्रेस को हर बात में कोसने वाली भारतीय जनता पार्टी कैसे राजीव गांधी के पुण्यतिथि के दिन आतंक विरोधी दिवस मनाने की घोषणा कर सकती है? कहीं बीजेपी सरदार पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी की तरह राजीव गांधी को भी अप्रत्यक्ष रुप से वोट बैंक के लिए अपना तो नहीं रही। खैर ये राजनीति है यहां कुर्सी के लिए कुछ भी किया जा सकता है।