मोदी सरकार 34 बाद एक बार फिर जनता की झोली में डाल सकती है इस टैक्स का भार

मोदी सरकार 34 बाद एक बार फिर जनता की झोली में डाल सकती है इस टैक्स का भार

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  • Publish Date - July 3, 2019 / 06:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:47 PM IST

नई दिल्ली: दूसरी पारी की सत्ता संभाल रहे मोदी की सख्त फैसलों को लेकर अलग पहचान है। अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार आगामी दिनों में बजट पेश करने वाली है। इसी बीच खबर आ रही है कि बजट में बड़ा फैसला ले सकती है। वित्त मंत्रलय के गलियारे से सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि मोदी सरकार विरासत की संपत्ति यानी एस्टेट ड्यूटी एक बार फिर लागू कर सकती है। बता दें इस टैैक्स को 1985 में खत्म कर दिया गया था। ज्ञात हो कि गिफ्ट या पैतृक संपत्ति पर लगने वाले टैक्स को इनहेरिटेंस टैक्स कहा जाता है।

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सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार जनता की भलाई के लिए पहचानी जाती है। ऐसे में इस टैक्स को लागू किया जा सकता है। हांलाकि इस जिन लोगों ने स्कूल, यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों को दान किया है, उन्हें राहत दी जा सकती है। वर्तमान में मोदी सरकार को जीएसटी टैक्स कलेक्शन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार सरकारी खजाने को लेकर चिंतीत है। इस लिहाज से माना जा रहा है कि मोदी सरकार इनहेरिटेंस टैक्स लागू कर सकती है।

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हालांकि इनहेरिटेंस टैक्स को लागू करना मोदी सरकार के लिए आसान नहीं होगा। इस टैक्स को लागू करने में मोदी सरकार को चुनौती का सामना इसलिए करना पड़ सकता है क्योंकि भारत जैसे देश में जिन लोगों की पैतृक संपत्ति है, हो सकता है कि उसके पास टैक्स जमा करने के लिए पैसे ही न हो। से में टैक्स जमा करने के लिए संपत्ति बेचनी पड़ सकती है।

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भारत में कर चोरी करना या कर बचाने के लिए अलग हथकंडे अपनाना कोई नई बात नहीं है। इस लिहाज से इस बात को भी नहीं नकारा जा सकता कि टैक्स बाचाने के लिए कुछ लोग ट्रस्टों का सहारा ले सकते हैं।

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