रायपुरः Modi Magic in Agriculture Sector प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र की भाजपा सरकार देश के नागरिकों के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है। मोदी सरकार एक ओर जहां युवाओं के लिए रोजगार सृजित कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर देश के अन्नदाताओं की खुशहाली के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। इन योजनाओं से केंद्र सरकार की लोकप्रियता देश ही नहीं दुनियाभर में बढ़ी है, तो वहीं ये योजनाएं गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है।
Modi Magic in Agriculture Sector भारत एक कृषि प्रधान राष्ट्र है, यहां की 70 प्रतिशत आबादी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर ही निर्भर है। देश की सत्ता की बागडोर संभालते ही मोदी सरकार ने किसानों की उन्नति को अपना प्रथम कर्तव्य माना। उन्होंने 10 सालों में किसानों के हित में कई अहम फैसले लिए। कई योजनाएं संचालित की, जिससे देश में खाद्यान्न फसलों के उत्पादन में करीब 35 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई और लगभग इतनी ही ज्यादा खरीद हुई। 2014 के बाद देश में उत्पादकता बढ़ी है। कई योजनाओं के क्रियान्वयन से किसानों की आय में भी तेजी से वृद्धि हुई है। धान के समर्थन मूल्य की बात करें तो 10 सालों में धान का समर्थन मूल्य 823 रुपए बढ़ा है। पिछली सरकारों की तुलना में यह सर्वाधिक है। मोदी सरकार के इस फैसले से देश के धान उत्पादक किसान खुश हैं। इससे पहले कांग्रेस सरकार के समय किसानों को महज 1310 प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान होता था। लेकिन जब मोदी मैजिक चला तो 10 साल में धान का समर्थन मूल्य 2183 रुपए तक पहुंच गया।
ऐसा नहीं है कि केंद्र की मोदी सरकार केवल खरीफ फसल लेने वाले किसानों के हित में काम कर रहे हैं। रबी फसल का उत्पादन करने वाले किसानों के लिए देश के प्रधान सेवक लगातार फैसले ले रहे हैं। रबी फसल में गेंहू की बात करें तो बीतें 10 सालों में गेहूं का समर्थन मूल्य 825 रुपए बढ़ा है। इससे गेहूं उत्पादक किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। कांग्रेस सरकार के समय 2004 से 2014 तक दस सालों में महज 2.2 लाख करोड़ का भुगतान हुआ था। मोदी सरकार आने के बाद ये आंकड़ा बढ़ा और 2014 से 2024 तक गेंहू उत्पादक किसानों को 5.4 लाख करोड़ का भुगतान किया गया। मोदी सरकार ने जौं में 800 रुपए, मसूर में लगभग 3400 रुपए की बढ़ोतरी की है।
Modi Magic in Agriculture Sector मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान फसल बीमा योजना के तहत कवर एरिया में रिकार्ड बढ़ोत्तरी हुई। खासतौर पर वन ड्रॉप मोर क्रॉप कार्यक्रम की बड़ी चर्चा हुई। इस कार्यक्रम के तहत राज्यों को 18726.61 रुपये आवंटित किए गए। 5000 करोड़ का सूक्ष्म सिंचाई कोष स्थापित किया गया। 78.47 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली में शामिल किया गया।
साभार: अमित चिमनानी