नई दिल्ली। साल 2020 के आखिरी दिन और नए साल 2020 की शुरुआत से ठीक पहले मोदी सरकार ने EPF होल्डर्स को सौगात दी है। सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड (EPF) पर 8.5 प्रतिशत का पूरा ब्याज एक साथ 6 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स के खातों में ट्रांसफर कर दिया है।
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EPFO अधिकारी के मुताबिक, दिसंबर तक धैर्य बनाए रखने से सभी को लाभ हुआ है। खाताधारकों के खातों में ब्याज आने में थोड़ा ज्यादा समय जरूर लगा है, लेकिन अच्छी बात यह है कि EPFO को एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) की बिक्री से ज्यादा इनकम हुई है। 8.50 फीसदी ब्याज दर देने के बाद भी EPFO के पास 1,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि बच जाएगी।
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सितंबर में जब दो किस्तों में ब्याज देने का फैसला किया गया था तो उस वक्त EPFO के पास 500 करोड़ रुपए थे। Financial Year 2020 के लिए ब्याज दर 8.50% तय की गई थी, 7 साल की न्यूनतम दर है।
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आपको बता दें पहले सितंबर माह में Covid-19 की वजह से ब्याज को दो किस्तों में देने का ऐलान किया था। EPFO ने तय किया था कि 8.15 फीसदी ब्याज दिवाली तक खातों में डाल दिया जाएगा। बाकी बची 0.35 फीसदी रकम शेयरों की बिक्री से मिलने वाले मुनाफे से दी जाएगी, जिसे दिसंबर में दिया जाना है।
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हालांकि, EPFO ने अपने फैसले को बदलते हुए दिवाली पर किस्त नहीं दी थी। शेयरों में निवेश पर मुनाफे की समीक्षा के लिए दिसंबर तक इंतजार करने का फैसला किया गया था। Financial Year 2020 में ईपीएफ पर ब्याज दर का 8.50% का पैसा खातों में ट्रांसफर कर दिया गया है।