मोदी सरकार किसान विरोधी, एमएसपी की कानूनी गारंटी जरूरी: कांग्रेस

मोदी सरकार किसान विरोधी, एमएसपी की कानूनी गारंटी जरूरी: कांग्रेस

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  • Publish Date - October 19, 2024 / 03:30 PM IST,
    Updated On - October 19, 2024 / 03:30 PM IST

नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने के नाम पर रस्म अदायगी करने तथा किसानों के खिलाफ निर्णय लेने का आरोप लगाया और दावा किया कि पिछले 10 वर्षों में स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार किसान विरोधी है।

कांग्रेस ने सरकार से यह आग्रह भी किया कि किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए तथा महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसानों की सोयाबीन की फसलों पर समर्थन मूल्य कम से कम 6,000 रुपये निर्धारित किया जाए।

पार्टी नेता अभय दुबे ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सत्ता में आते ही मोदी सरकार के एक के बाद एक किसान विरोधी निर्णयों ने इस बात को चरितार्थ कर दिया कि ‘किसान विरोधी नरेन्द्र मोदी’।’’

उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने केंद्र की सत्ता में आते ही जून, 2014 में किसानों को समर्थन मूल्य के ऊपर दिया जाने वाला 150 रुपये का बोनस बंद करा दिया। दिसंबर, 2014 से एक के बाद एक किसानों की जमीनों के उचित मुआवजा कानून को खत्म करने वाले तीन अध्यादेश लाए गए। उच्चतम न्यायालय में 6 फरवरी, 2015 को शपथ पत्र दिया कि किसानों को लागत के 50 प्रतिशत ऊपर समर्थन मूल्य नहीं दिया जा सकता, नहीं तो बाजार खराब हो जाएगा।

कांग्रेस नेता ने कहा कि 28 फरवरी, 2016 को बरेली की रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुना कर दी जाएगी, लेकिन किसानों की औसत आमदनी 27 रुपये प्रतिदिन और औसत प्रति किसान कर्ज 74 हजार रुपये हो गया है।

उनके मुताबिक, फरवरी 2016 में मध्य प्रदेश के सीहोर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रारंभ की गई थी और बताया था कि विश्व की सबसे अच्छी बीमा योजना है, लेकिन इस योजना में 2016 से जून 2024 तक निजी कंपनियों ने 64 हजार करोड़ रुपये मुनाफा कमाया।

दुबे ने कहा, ‘‘ कोविड की आपदा में जून, 2020 में कृषि विरोधी काले कानून अध्यादेश के रूप में लाए गए। मीडिया रिपोर्ट से ज्ञात हुआ कि नीति आयोग को इन कानूनों का मसौदा भारतीय मूल के एक अमेरिकी उद्योगपति ने सुझाया था।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘ कृषि एवं किसान कल्याण से संबंधित संसद की स्थायी समिति की 69वीं रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि कृषि मंत्रालय 2017 से लगातार मोदी सरकार को कह रहा है कि खेती में उपयोग होने वाली मशीनों, कृषि यंत्रों, ट्रैक्टर, हॉर्वेस्टर इत्यादि पर से जीएसटी कम किया जाए या हटाया जाए। लेकिन मोदी सरकार ने आज तक नहीं सुनी।’’

दुबे ने दावा किया कि मोदी सरकार ने हाल ही में रबी की फसल के लिए फसलों के समर्थन मूल्य की घोषणा की, लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में यह वृद्धि सिर्फ 2.4 से 7 प्रतिशत तक है।

उन्होंने कई फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य से जुड़ा चार्ट साझा किया और आरोप लगाया, ‘‘तथ्यों से स्पष्ट है कि मोदी सरकार किसान विरोधी सरकार है।’’

कांग्रेस नेता ने सरकार से आग्रह किया, ‘‘ किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी मिले। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसानों को सोयाबीन की फसलों पर समर्थन मूल्य कम से कम 6,000 रुपये निर्धारित किया जाए। यदि इस फसल पर समर्थन मूल्य 6,000 रुपये निर्धारित किए जाए, तो जिन किसानों ने अपनी फसल बेच दी है, उनके खातों में भी बची हुई राशि डाली जाए।’’

दुबे ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी प्रतिबद्ध है कि वह सड़क से संसद तक किसानों के समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की लड़ाई लड़ेगी और किसानों को उनका हक दिला कर रहेगी।’’

भाषा हक

हक पवनेश

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