नई दिल्ली: Old Pension Scheme Resume राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित देश के कुछ राज्यों की सरकारों ने नई पेंशन योजना यानि NPS को खत्म कर फिर से पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का फैसला लिया है। इसके बाद से अन्य राज्यों के साथ-साथ केंद्र सरकार पर भी पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करने के लिए कर्मचारियों की ओर से दबाव बनाया जा रहा है। लेकिन इस बीच एक लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि मोदी सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का फैसला लिया है।
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Old Pension Scheme Resume वायरल मैसेज में यह दावा किया जा रहा है कि 29 मई 2022 को मोदी सरकार की कैबिनेट की बैठक हुई थी, जिसमें सरकार ने फैसला लिया है कि एनपीएस को वापस लिया जाएगा। साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए फिर से पुरानी पेंशन योजना को बहारल किया जाएगा, जिसे 2004 में खत्म कर दिया गया था।
इस वायरल मैसेज की भारत सरकार की संस्था PIB Fact Check ने जांच की है, जिसके बाद यह पाया है कि वायरल मैसेज में यह दावा किया जा रहा है कि 29 मई 2022 को हुई कैबिनेट मीटिंग हुई थी वो गलत होने के साथ भ्रामक और पूरी तरह निराधार है। पीआईबी के मुताबिक फारवर्ड व्हाट्सऐप मैसेज पूरी तरह फेक है। सरकार के सामने ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
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कर्मचारियों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया गया। वायरल मैसेज के मुताबिक वित्त मंत्री ने भरोसा दिया है कि सभी कर्मचारियों जिनकी नियुक्ति 2004 या पुरानी पेंशन योजना के खत्म होने के बाद हुई थी उन्हें पेंशन उपलब्ध कराने के लिए जरुरी धन मुहैया कराया जाएगा। मैसेज के मुताबिक एनपीएस में कर्मचारियों से पैसे लेकर उन्हें ही रिटायरमेंट के बाद पेंशन के तौर पर वापस करना बहुत गलत है। वायरस मैसेज में ये भी लिखा है कि सभी केंद्रीय और राज्य सरकार के तहत वाले विभागों से अनुरोध किया जाता है कि राजकीय कोष पर पड़ने वाले अतिरिक्त भार की समीक्षा करने के बाद डीओपीटी और वित्त मंत्रालय को 25 अगस्त 2022 तक रिपोर्ट तैयार कर भेजें जिससे 2023 से इसे लागू किया जा सके।
A message doing the rounds on Social Media regarding a Cabinet meeting held on 29 May 2022 is wrong, misleading and baseless.#PIBFactCheck
This WhatsApp forward is FAKE No such decision or proposal is under consideration by GoI. pic.twitter.com/jD9cEosRvK — PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 2, 2022