#SarkaronIBC24: ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, पक्ष विपक्ष में बहस शुरू

#SarkaronIBC24: देश में वन नेशन वन इलेक्शन पर बहस एक बार फिर गरमा गई है.. जिसकी वजह बना है मोदी कैबिनेट का वो फैसला जिसके तहत.. संसद के इसी शीतकालीन सत्र में सरकार वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूर कराने की तैयारी में है..

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  • Publish Date - September 18, 2024 / 11:56 PM IST,
    Updated On - September 18, 2024 / 11:56 PM IST

#SarkaronIBC24 नईदिल्ली: मोदी कैबिनेट ने आज वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.. लोकसभा के शीतकालीन सत्र में इसे संसद में पेश करने की तैयारी है.. प्रस्ताव के तहत साल 2029 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे.. देश की सियासत पर दूरगामी असर डालने वाले इस फैसले पर सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है.. बसपा नेता मायावती ने इसका समर्थन किया है… बीजेपी नेता भी इसके फायदे गिना रहे है.. तो विपक्ष देश के मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने की PM मोदी की साजिश करार दे रहा है…

देश में वन नेशन वन इलेक्शन पर बहस एक बार फिर गरमा गई है.. जिसकी वजह बना है मोदी कैबिनेट का वो फैसला जिसके तहत.. संसद के इसी शीतकालीन सत्र में सरकार वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूर कराने की तैयारी में है.. अगर सब कुछ सरकार की योजना के मुताबिक रहा तो साल 2029 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ ही सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे…

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वन नेशन, वन इलेक्शन को मंजूरी मिलने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने X पर पोस्ट किया…’समिति की सिफारिशें मंजूर कर ली गई है. इस प्रयास की अगुवाई करने के लिए मैं पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी की सराहना करता हूं.. हमारे लोकतंत्र को और अधिक जीवंत और सहभागी बनाने की दिशा में एक देश एक चुनाव अहम कदम है’

जाहिर है मोदी सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन पर विचार के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी.. जिसकी सिफारिशों के आधार पर सरकार इस प्रस्ताव पर आगे बढ़ रही है.. बीजेपी नेता और सरकार में मंत्री इसके फायदे गिना रहे हैं…

मोदी सरकार जहां अपने स्टैंड को लेकर क्लीयर है तो वहीं विपक्ष इसे अव्यवहारिक करार दे रहा है.. कांग्रेस समेत INDIA गठबंधन के नेताओं का साफ कहना है कि ये देश के मूल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की साजिश है..

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भारत को चुनावों का देश कहा जाता है.. देश में हर साल कहीं ना कही चुनाव होते ही रहते हैं… आचार संहिता के चलते सरकार के हाथ बंध जाते हैं और विकास कार्य भी प्रभावित होते हैं.. वन नेशन वन इलेक्शन को इसी के चलते जरूरी बताया जा रहा है.. वहीं विपक्षी दलों में इसे लेकर कई आशंकाएं और सवाल है.. अब सरकार जब इस प्रस्ताव को संसद में लाने का फैसला कर ही चुकी है तो उम्मीद है कि इस पर जमकर वाद-विवाद होगा और विपक्ष की आशंकाएं भी दूर की जा सकेगी और देश में सार्थक बहस होगी…

ब्यूरो रिपोर्ट आईबीसी24