One Nation-One Election Bill Update: देश में एक साथ होंगे सभी चुनाव, मोदी सरकार ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ विधेयक को दी मंजूरी, इसी सत्र में संसद में पेश हो सकता है बिल

देश में एक साथ होंगे सभी चुनाव, मोदी सरकार ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' विधेयक को दी मंजूरी, Modi cabinet approves One Nation-One Election Bill

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  • Publish Date - December 12, 2024 / 02:29 PM IST,
    Updated On - December 12, 2024 / 02:49 PM IST

नई दिल्लीः One Nation-One Election Bill Update देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए मोदी सरकार संसद में बिल लाएगी। इसी से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि एक देश, एक चुनाव के विधेयक को गुरुवार को मोदी सरकार ने मंजूरी दे दी है। अब सरकार इस बिल को सदन के पटल पर रख सकती है। सूत्रों के मुताबिक सरकार इस बिल पर आम सहमति बनाना चाहती है। इसलिए इस बिल को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) के पास भेजने की तैयारी कर रही है। JPC इस बिल पर सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेगी। कहा ये भी जा रहा है कि सरकार इसे अगले सप्ताह संसद में पेश कर सकती है।

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One Nation-One Election Bill Update बता दें कि अभी देश में विधानसभा और लोकसभा के साथ-साथ नगरीय निकाय चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। इससे मानव श्रम के साथ-साथ सरकार का पैसा अधिक खर्च होता है। इसके अलावा कई अन्य तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यही वजह है कि मोदी सरकार अब देश में एक साथ चुनाव कराना चाहती है। इससे पहले सितंबर में केंद्रीय कैबिनेट ने वन नेशन-वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि ‘पहले फेज में विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ होंगे। इसके बाद 100 दिन के भीतर दूसरे फेज में निकाय चुनाव साथ कराए जाएंगे।’

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सूत्रों का कहना है कि लंबी चर्चा और आम सहमति बनाने के लिए सरकार इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजने की योजना बना रही है। जेपीसी सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा करेगी और इस प्रस्ताव पर सामूहिक सहमति की जरूरत पर जोर देगी। इसके अलावा सूत्रों ने बताया कि सभी राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों को बुद्धिजीवियों, विशेषज्ञों और सिविल सोसायटी के सदस्यों के साथ अपने विचार साझा करने के लिए कहा जाएगा। इसके अतिरिक्त, आम जनता से भी सुझाव मांगे जाएंगे, जो निर्णय लेने की प्रक्रिया में समावेशिता और पारदर्शिता को बढ़ाएंगे। विधेयक के प्रमुख पहलुओं में इसके लाभ और देशभर में एक साथ चुनाव कराने के लिए जरूरी कार्यप्रणाली पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

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खबर से जुड़े सवालों का जवाब यहां मिलेगा

1. एक देश, एक चुनाव का उद्देश्य क्या है?

“एक देश, एक चुनाव” का उद्देश्य भारत में विभिन्न चुनावों को एक साथ कराने के लिए एक व्यवस्था बनाना है, ताकि चुनावों पर होने वाले खर्च, समय और संसाधनों की बचत हो सके। यह व्यवस्था देश में लोकसभा, विधानसभा और नगरीय निकाय चुनावों को एक साथ कराने की योजना है, जिससे चुनावी प्रक्रिया सरल और व्यवस्थित हो सके।

2. क्या इससे देश में चुनावों की प्रक्रिया में कोई बदलाव होगा?

जी हां, “एक देश, एक चुनाव” से चुनावी प्रक्रिया में बदलाव आएगा। चुनाव एक ही समय पर होंगे, जिससे चुनावी गतिविधियों की अधिकता को कम किया जा सकेगा और संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जा सकेगा। साथ ही, राजनीतिक स्थिरता और प्रशासन की दक्षता बढ़ने की संभावना है।

3. एक देश, एक चुनाव लागू होने से कौन-कौन सी समस्याएं हल हो सकती हैं?

इससे चुनावों के आयोजन में खर्च की बचत हो सकती है, क्योंकि चुनावी प्रक्रिया एक साथ होने पर भारी वित्तीय संसाधन की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अलावा, चुनावों के दौरान होने वाली राजनीतिक अस्थिरता, प्रशासनिक बोझ और चुनावी तंत्र की दबाव को भी कम किया जा सकता है।

4. क्या सभी राजनीतिक दल “एक देश, एक चुनाव” के पक्ष में हैं?

वर्तमान में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच इस पर सहमति बनाने के प्रयास जारी हैं। सरकार इस प्रस्ताव पर आम सहमति बनाने के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजने की योजना बना रही है, ताकि सभी दलों के विचारों को ध्यान में रखा जा सके।

5. क्या एक देश, एक चुनाव के लिए संविधान में बदलाव की आवश्यकता होगी?

जी हां, एक देश, एक चुनाव की योजना को लागू करने के लिए संविधान में कुछ संशोधन की आवश्यकता हो सकती है। इसके लिए संसद में विशेष प्रस्ताव लाने की आवश्यकता होगी, जिसे बाद में संविधान संशोधन के रूप में पारित किया जा सकता है।

 

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