शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए आधुनिक व्यवस्था तैयार हो रही : राष्ट्रपति मुर्मू

शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए आधुनिक व्यवस्था तैयार हो रही : राष्ट्रपति मुर्मू

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  • Publish Date - January 31, 2025 / 03:12 PM IST,
    Updated On - January 31, 2025 / 03:12 PM IST

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने युवाओं की शिक्षा और उनके लिए रोजगार के नए अवसर तैयार करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए आधुनिक शिक्षा व्यवस्था तैयार कर रही है।

मुर्मू ने यह भी कहा कि पिछले एक दशक में देश में उच्च शिक्षण संस्थाओं की संख्या बढ़ी है और इनकी गुणवत्ता में भी व्यापक सुधार हुआ है, वहीं पेपर लीक की घटनाओं को रोकने और भर्ती में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नया कानून लागू किया गया है।

बजट सत्र के प्रथम दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए आधुनिक शिक्षा व्यवस्था तैयार कर रही है। कोई भी शिक्षा से वंचित ना रहे, इसीलिए मातृ भाषा में शिक्षा के अवसर दिये जा रहे हैं। विभिन्न भर्ती परीक्षाएं तेरह भारतीय भाषाओं में आयोजित कर, भाषा संबंधी बाधाओं को भी दूर किया गया है।’’

उन्होंने कहा कि मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा में वित्तीय सहायता देने के लिए पीएम विद्यालक्ष्मी योजना शुरू की गई है, वहीं एक करोड़ युवाओं को शीर्ष पांच सौ कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर भी दिये जाएंगे।

मुर्मू ने कहा कि ‘सहकार से समृद्धि’ की भावना पर चलते हुए सरकार ने ‘त्रिभुवन’ सहकारी यूनिवर्सिटी की स्थापना का प्रस्ताव स्वीकृत किया है।

उन्होंने कहा कि बच्चों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए दस हज़ार से अधिक स्कूलों में ‘अटल टिंकरिंग लैब्स’ खोली गई हैं।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ “ईज ऑफ डूइंग रिसर्च” के लिए हाल में ‘वन नेशन-वन सब्सक्रिप्शन’ योजना लाई गई है। इससे अंतरराष्ट्रीय शोध की सामग्री निशुल्क उपलब्ध हो सकेगी।’’

उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में उच्च शिक्षण संस्थाओं की संख्या बढ़ी है, इनकी गुणवत्ता में भी व्यापक सुधार हुआ है और ‘क्यूएस विश्व यूनिवर्सिटी – एशिया रैंकिंग’ में देश के 163 विश्वविद्यालय शामिल हुए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय के नये परिसर का आरंभ कर शिक्षा में, भारत का पुराना गौरव वापस लाया गया है।

उन्होंने कहा कि वह दिन भी दूर नहीं जब भारत में निर्मित गगनयान में एक भारतीय नागरिक अंतरिक्ष में जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले स्पेस डॉकिंग में सफलता ने भारत के अपने अंतरिक्ष केंद्र का मार्ग और आसान कर दिया है।

मुर्मू ने कहा कि कुछ ही दिन पहले इसरो ने अपना सौवां प्रक्षेपण करते हुए एक उपग्रह को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस उपलब्धि के लिए भी इसरो को, और सभी देशवासियों को बधाई देती हूं।’’

उन्होंने कहा कि देश के शिक्षण संस्थाओं में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए पचास हजार करोड़ रुपए की लागत से अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउन्डेशन स्थापित किया गया है।

भाषा वैभव माधव

माधव