TMC को एक और बड़ा झटका, विधायक जितेंद्र तिवारी ने छोड़ी तृणमूल कांग्रेस, सुवेंदु की प्रशंसा की

TMC को एक और बड़ा झटका, विधायक जितेंद्र तिवारी ने छोड़ी तृणमूल कांग्रेस, सुवेंदु की प्रशंसा की

  •  
  • Publish Date - December 17, 2020 / 02:33 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:34 PM IST

आसनसोल (पश्चिम बंगाल), 17 दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य जितेंद्र तिवारी ने आसनसोल नगर निगम प्रमुख के पद के साथ-साथ तृणमूल कांग्रेस से भी इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। पश्चिम बर्द्धमान जिले के तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष तिवारी ने सुवेंदु अधिकारी की भी प्रशंसा की जो पार्टी में ममता बनर्जी के बाद दूसरे सबसे प्रमख नेता थे।

पढ़ें- सोशल मीडिया में छाया ‘सीजी स्वाभिमान के दो साल‘…

तिवारी ने बृहस्पतिवार दोपहर को संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मैंने आसनसोल नगर निगम प्रशासक मंडल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। मुझे काम नहीं करने दिया जा रहा था, ऐसे में मैं इस पद को रख कर क्या करूंगा? इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया है।’’ इसके कुछ घंटों के बाद तिवारी ने घोषणा की कि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और जिला अध्यक्ष पद छोड़ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस में बने रहने का कोई तुक नहीं है क्योंकि मुझे लोगों के लिए काम करने नहीं दिया जा रहा है।’’ हालांकि, पांडाबेश्वर सीट से विधायक तिवारी ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है।

पढ़ें- सोशल मीडिया में छाया ‘सीजी स्वाभिमान के दो साल‘…

पांडाबेश्वर से विधायक तिवारी ने नगर निकाय मामलों के मंत्री फिरहद हकीम को कुछ दिन पहले लिखे पत्र में कहा था कि आसनसोल नगर निगम को केंद्र के 2,000 करोड़ रुपये के कोष से वंचित किया गया क्योंकि राज्य सरकार ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर के चुनाव में बाधा उत्पन्न की। मंत्री पर निशाना साधते हुए तिवारी ने कहा, ‘‘उनके जैसे चाटुकार पार्टी को बर्बाद कर रहे हैं।’’

पढ़ें- पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के किसानों को देंगे संदेश, सीएम कृषकों के खातों में…

उन्होंने कहा, ‘‘ पार्टी को बचाने का सबसे बेहतर तरीका है कि ममता बनर्जी सुवेंदु अधिकारी को अपना उत्तराधिकारी घोषित करें। उनके बाद सुवेंदु तृणमूल के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। अगर आप इस तथ्य को नजर अंदाज करेंगे तो आपकी हार निश्चत है।’’ भाजपा में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर तिवारी ने कहा कि वह इस बारे में प्रेस में बात नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निकाय से इस्तीफा देने के बाद उनके विधायक कार्यलय पर हमला किया गया जिसके बाद वह तृणमूल कांग्रेस को छोड़ने पर मजबूर हुए।

पढ़ें- कल से खुलेंगे स्कूल, कक्षाएं शुरू होने से पहले …

तिवारी ने कहा, ‘‘पहले मैंने कहा था कि जो भी मुझे करना है वह ममता बनर्जी से बात करने के बाद करूंगा लेकिन आसनसोल नगर निगम से इस्तीफा देने के बाद मेरे विधायक कार्यालय पर हमला किया गया। यह कृत्य तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के निर्देश पर किया गया। इसलिए मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है।’’ सूत्रों ने बताया कि पहले माना जा रहा था कि शुक्रवार को तिवारी कोलकाता में मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे लेकिन अब वह शायद ही पार्टी सुप्रीमो से मिलें।

पढ़ें- कोरोना वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल, प्रदेश क…

इससे पहले अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए तिवारी पार्टी नेतृत्व की बैठक में शामिल नहीं हुए थे बल्कि बुधवार शाम को उन्होंने पार्टी सांसद सुनील मंडल के कांकसा इलाके स्थित आवास पर सुवेंदु अधिकारी से मुलाकात की थी। तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें ‘ गद्दार’ करार दिया है। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता सौगत रॉय ने कहा, ‘‘कुछ साल पहले तक जितेंद्र तिवारी कौन थे? वह आज जो भी हैं पार्टी की वजह से हैं। अगर वह अब पार्टी छोड़ रहे हैं तो एक ‘गद्दार’ और ‘ मौसम के हिसाब से रुख बदलने वाले से अधिक कुछ नहीं हैं।’’ तिवारी ने हाल में आसनसोल में कॉलेज प्रबंधन मंडल से भी इस्तीफा दे दिया था।