मिजोरम में नागरिक निकाय ने मतदाता सूची में बाहरी लोगों का प्रवेश को रोकने की मांग की

मिजोरम में नागरिक निकाय ने मतदाता सूची में बाहरी लोगों का प्रवेश को रोकने की मांग की

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  • Publish Date - November 1, 2024 / 06:18 PM IST,
    Updated On - November 1, 2024 / 06:18 PM IST

आइजोल, एक नवंबर (भाषा) मिजोरम का सबसे बड़ा नागरिक समाज संगठन यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगा कि प्रदेश में जारी विशेष मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान केवल राज्य के वास्तविक निवासियों के नाम ही मतदाता सूची में शामिल किए जाएं।

यंग मिजो एसोसिएशन (वाईएमए) की केंद्रीय समिति के एक नेता ने कहा कि संगठन ने यह निर्णय इसलिए किया है क्योंकि म्यांमा, बांग्लादेश और मणिपुर से 42,000 से अधिक लोगों ने विभिन्न कारणों से राज्य में शरण ली है।

वाईएमए ने बृहस्पतिवार को मिजोरम की इकाई को पत्र भेजकर यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया कि किसी बाहरी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में न आए।

पत्र में वाईएमए सदस्यों से कहा गया कि यदि कोई पंजीकृत मतदाता विदेशी या गैर-निवासी पाया जाता है तो वे संबंधित प्राधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराएं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उस व्यक्ति का नाम मतदाता सूची से हटाया जाए।

मंगलवार को प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची के अनुसार, मिजोरम में 4.42 लाख महिला मतदाताओं सहित 8.58 लाख से अधिक मतदाता हैं।

वाईएमए का निर्देश ऐसे समय में आया है जब म्यांमा, बांग्लादेश और मणिपुर से 42,000 से अधिक शरणार्थी और आंतरिक रूप से विस्थापित लोग अपने देशों एवं राज्य में राजनीतिक अशांति तथा हिंसा के कारण मिजोरम में शरण ले रहे हैं।

म्यांमा के नागरिक फरवरी 2021 में पड़ोसी देश में सैन्य तख्तापलट के बाद मिजोरम भाग आए, जबकि बांग्लादेश के चटगांव हिल ट्रैक्ट्स (सीएचटी) से शरणार्थी 2022 में एक जातीय विद्रोही समूह के खिलाफ सैन्य अभियान के बाद राज्य में आए।

पिछले वर्ष मई में मेइती समुदाय के साथ जातीय हिंसा भड़कने के बाद मणिपुर से बड़ी संख्या में कुकी समुदाय के लोगों ने मिजोरम में शरण ली है।

भाषा योगेश रंजन

रंजन