गलतफहमी को चर्चा से दूर किया जाना चाहिए: मणिपुर मुख्यमंत्री

गलतफहमी को चर्चा से दूर किया जाना चाहिए: मणिपुर मुख्यमंत्री

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  • Publish Date - January 21, 2025 / 05:06 PM IST,
    Updated On - January 21, 2025 / 05:06 PM IST

इंफाल, 21 जनवरी (भाषा) मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंगलवार को कहा कि हर गलतफहमी को मिल बैठकर चर्चा से दूर किया जाना चाहिए और राज्य की सभी मान्यता प्राप्त जनजातियों को एक साथ रहना चाहिए।

उन्होंने 53वें राज्य स्थापना दिवस समारोह में कहा, ‘‘ अब हम अप्रासंगिक मामलों पर उलझना या बोलना बंद करें और मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिशों को रोकें।’’

मणिपुर को 21 जनवरी 1976 को पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल हुआ था |

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हर गलतफहमी को मिल-बैठकर चर्चा से सुलझाया जाना चाहिए। आइए अप्रासंगिक मामलों पर उलझना या बोलना बंद करें और मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिशों को रोकें। हमने (राज्य सरकार) जो कहा था वह अवैध प्रवासियों की उचित पहचान करने और उन्हें बाहर भेजने के बारे में था। हमने राज्य के किसी भी पुराने निवासी के खिलाफ कभी कुछ भी नहीं कहा। सभी मान्यता प्राप्त जनजातियों को एक साथ रहने की जरूरत है।’’

सिंह ने कहा, ‘‘भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए पूर्ण रूप से अक्षुण्ण राज्य सौंपने के लिए काम कर रही है।’’

मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए सिंह ने कहा, ‘‘मैं मणिपुर के राज्य दिवस पर बधाई देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को धन्यवाद देता हूं। मैं राज्य के लोगों को भी अपनी शुभकामनाएं देता हूं। आइए आज से हम शांति और समृद्धि लाएं।’’

मोदी ने मंगलवार को मणिपुर के लोगों को उनके राज्य स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मणिपुर के लोगों को उनके राज्य दिवस पर शुभकामनाएं। हमें भारत के विकास में मणिपुर के लोगों द्वारा निभाई गई भूमिका पर अविश्वसनीय रूप से गर्व है। मणिपुर की प्रगति के लिए मेरी शुभकामनाएं।’’

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘1972 में मणिपुर ने आज ही के दिन भारतीय संघ में पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल किया जो हमारे इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ। हम सब मिलकर इस ऐतिहासिक दिन के अवसर पर अपने इस खूबसूरत राज्य के गौरव और सम्मान को बनाए रखने के लिए सामूहिक रूप से काम करने का संकल्प लेते हैं।’’

उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब पूर्वोत्तर राज्य पिछले काफी समय से जातीय हिंसा झेल रहा है।

मई 2023 से ही पूर्वोत्तर राज्य में जारी जातीय हिंसा में अबतक 250 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हुए हैं।

‘हिल ट्राइबल काउंसिल’ (एचटीसी) द्वारा मोरे शहर में मेइती समुदाय की लिपियों पर प्रतिबंध लगाने पर सिंह ने कहा, ‘‘राज्य सरकार द्वारा शासित है।’’

भाषा

संतोष माधव

माधव