नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को ‘मिशन मौसम’ की शुरुआत करने के लिए केंद्र सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस पहल का लाभ किसानों को मिलेगा।
मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि देश के सूखाग्रस्त इलाकों में सिंचाई और पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए, सरकार ने दो ऐतिहासिक ‘नदी जोड़ो’ परियोजनाओं पर काम आगे बढ़ाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ सप्ताह पूर्व ही भारत मौसम विज्ञान विभाग के 150 साल पूरे हुए हैं। ‘वेदर रेडी’ और ‘क्लाइमेट स्मार्ट’ भारत के लिए सरकार ने दो हजार करोड़ रुपये की लागत से ‘मिशन मौसम’ प्रारम्भ किया है, जिसका लाभ हमारे किसानों को भी मिलेगा।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 जनवरी को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के 150वें स्थापना दिवस के अवसर पर देश को प्रत्येक मौसम और जलवायु का सामना करने के लिए ‘स्मार्ट राष्ट्र’ बनाने के मकसद से ‘मिशन मौसम’ की शुरुआत की थी।
‘मिशन मौसम’ का लक्ष्य अत्याधुनिक मौसम निगरानी तकनीक और सिस्टम विकसित करके, उच्च-रिज़ॉल्यूशन वायुमंडलीय अवलोकन, अगली पीढ़ी के रडार और उपग्रहों एवं उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटरों को कार्यान्वित करते हुए उच्च स्तरीय क्षमता को हासिल करना है।
मुर्मू ने कहा कि बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के दृष्टिकोण पर चलते हुए, देश के सूखाग्रस्त इलाकों में सिंचाई और पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए, सरकार ने दो ऐतिहासिक ‘नदी जोड़ो’ परियोजनाओं पर काम आगे बढ़ाया है।
मुर्मू ने कहा कि 44 हजार करोड़ रुपये से अधिक लागत की केन-बेतवा लिंक परियोजना से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लाखों ग्रामीण भाई-बहनों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल संपर्क परियोजना से राजस्थान और मध्य प्रदेश में सिंचाई और पीने के पानी की आवश्यकता की पूर्ति होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि पोलावरम सिंचाई परियोजना को पूरा करने के लिए बारह हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी स्वीकृत की गई है।
भाषा वैभव माधव
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