sister become mother of her brother’s child: तिरुवंतपुरम। एक नाबालिग लड़की अपने ही नाबालिग भाई के साथ अवैध संबंध के चलते गर्भवती हो गई। लड़की के माता-पिता आखिर तक गर्भावस्था से अनजान थे। जब यह बात उनके मां-बाप को बता चली तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। आनन-फानन में उन्हे कुछ नहीं सूझा तो वे गर्भपात की अनुमति के लिए हाई कोर्ट की शरण में पहुंच गए। अब यहां अदालत ने लड़की को अबॉर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
इस मामले में अदालत ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि गर्भपात अभी इसलिए नहीं किया जा सकता क्योंकि भ्रूण 34 सप्ताह तक पहुंच चुका है और पूरी तरह से विकसित है। अदालत ने मां-बाप को आदेश दिया कि गर्भ धारण तक भाई को बहन से दूर रखा जाए। लड़की के परिजनों ने अदालत में दलील दी थी कि गर्भावस्था से उनकी बेटी को शारीरिक और मनोवैज्ञानिक समस्याएं हो सकती हैं।
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मामला केरल का है, मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने निर्देशन में हुई। उन्होंने आदेश दिया कि नाबालिग लड़की को उसके माता-पिता की देखभाल में रहना चाहिए। अदालत ने संबंधित अधिकारियों और माता-पिता को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का भी निर्देश दिया है कि जिस भाई के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं, उसे लड़की से दूर रखा जाए।
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, “भ्रूण पहले ही 34 सप्ताह के गर्भ तक पहुंच चुका है और अब पूरी तरह से विकसित हो चुका है। भ्रूण गर्भ के बाहर अपने जीवन की तैयारी कर रहा है। इस अवस्था में गर्भपात असंभव नहीं लेकिन उचित नहीं है। जाहिर है इसलिए बच्चे को जन्म लेने की अनुमति देनी होगी।”
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रिपोर्ट की माने तो मामले की जांच कर रहे मेडिकल बोर्ड ने शुरुआत में लड़की की कम उम्र और संभावित मनोवैज्ञानिक आघात के कारण 34 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की सिफारिश की थी। लेकिन अदालत के निर्देश और बातचीत के बाद मेडिकल बोर्ड ने अपनी राय बदल दी और कहा कि लड़की बच्चे को जन्म देने के लिए पर्याप्त स्वस्थ है। अदालत ने लड़की और भ्रूण दोनों का पुनर्मूल्यांकन करने का आदेश दिया।