नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए जल्द से जल्द सभी अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों को खाली करने का आह्वान किया है। दरअसल गिलगित-बाल्टिस्तान के चिलास इलाके में 800 ईसवी की बौद्ध शिलाओं और कलाकृतियों को नुकसान पहुंचाया गया है और उन पर पाकिस्तानी झंडे के चित्र उकेरे गए हैं। इस मामले में संज्ञान लेते हुए विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई है और जल्द से जल्द कब्जा छोड़ने का आह्वान किया है।
मामले में संज्ञान लेते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि हमने भारत के हिस्से ‘गिलगित-बाल्टिस्तान’ में स्थित एक अमूल्य भारतीय बौद्ध स्थल के अपमान और तोड़फोड़ को लेकर कड़ी आपत्ति और चिंता जताई है। यह क्षेत्र भारत के हिस्से में आता है लेकिन पाकिस्तान ने इस पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।
We have conveyed our strong concern at reports of vandalism, defacement and destruction of invaluable Indian Buddhist heritage located in so-called “Gilgit-Baltistan” area of the Indian territory under illegal and forcible occupation of Pakistan: Anurag Srivastava, MEA pic.twitter.com/cCWBad5EHi
— ANI (@ANI) June 3, 2020
यह गंभीर चिंता का विषय है कि भारत में आने वाले उन हिस्सों में, जहां पाकिस्तान का अवैध कब्जा है, बौद्ध स्मारकों को नष्ट किया जा रहा है और धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों और स्वतंत्रता का हनन किया जा रहा है। हमने पाकिस्तान से एक बार फिर कहा है वह अवैध रूप से कब्जा किए सभी क्षेत्रों को तत्काल रूप से खाली कर दे और वहां रहने वाले लोगों के सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों का उल्लंघन करना बंद करे।
Read More: बंद नहीं होंगे APL राशन कार्ड, अब चावल के साथ नमक भी मिलेगा
Egregious activities of this nature which display contempt for the ancient civilizational & cultural heritage are highly condemnable. We have sought immediate access for its experts to the area in order to restore & preserve this invaluable archaeological heritage: MEA
— ANI (@ANI) June 3, 2020
बता दें कि गिलगित-बाल्टिस्तान जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है, लेकिन चान नवंबर 1947 से यह पाकिस्तान के कब्जे में है। हालांकि, यह पाक अधिकृत कश्मीर का हिस्सा नहीं है। गिलगित-बाल्टिस्तान भौगोलिक और प्रशासनिक दोनों तरह से पीओके से अलग है।