नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 2024 के दौरान, अक्टूबर तक 9,845 यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर (यूआरएल) को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं। इनमें कट्टरपंथी सामग्री भी शामिल है।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बुधवार को यह जानकारी दी। उनसे लोगों को, खास कर युवाओं को ऑनलाइन सामग्री के माध्यम से कट्टरपंथी बनाए जाने के बारे में पूछा गया था।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में, राज्य पुलिस के अलावा, केंद्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ऑनलाइन कट्टरपंथी बनाने से संबंधित 67 मामलों की जांच कर रही है।
राय ने बताया कि इन मामलों में, 325 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, 336 आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया गया है और 63 आरोपियों को अब तक दोषी ठहराया गया है।
उन्होंने बताया कि 2024 के दौरान, अक्टूबर तक 9845 यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर (यूआरएल) को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं। इनमें कट्टरपंथी सामग्री भी शामिल है।
यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर इंटरनेट पर मौजूद किसी वेबसाइट, वेब पेज, या छवि तक पहुंचने का पता होता है। इसे वेब एड्रेस भी कहा जाता है। इंटरनेट पर सर्च करते समय, किसी वेबसाइट के बारे में जानकारी पाने के लिए उसका यूआरएल पता होना ज़रूरी होता है।
राय ने बताया कि कट्टरपंथी संगठनों के बारे में सूचना साझा करने के लिए सभी हितधारकों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं ताकि समग्र और समन्वित तरीके से कट्टरपंथी बनाने से जुड़े कई जोखिम वाले कारकों को सामूहिक रूप से निपटा किया जा सके और इस समस्या के समाधान के लिए प्रभावी तंत्र और रणनीति स्थापित की जा सके।
उन्होंने बताया कि कट्टरपंथी तत्वों द्वारा अन्य समान विचारधारा वाले तत्वों से जुड़ने के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के साथ व्हाट्सएप के अलावा सिग्नल, टेलीग्राम, वाइबर और डार्क वेब जैसे अधिक सुरक्षित मैसेजिंग एप्लिकेशन का उपयोग सुरक्षा एजेंसियों के लिए ऑनलाइन कट्टरपंथी व्यक्तियों का मुकाबला करने के प्रयासों में एक बड़ी चुनौती साबित हुआ है।
भाषा मनीषा माधव
माधव
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