Sukhwinder Singh Sukhu, Himachal New CM: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद आखिरकार CM का चेहरा फाइनल हो ही गया। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष और नादौन विधानसभा क्षेत्र से 4 बार के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। वहीं हरोली से कांग्रेस विधायक मुकेश अग्निहोत्री उपमुख्यमंत्री होंगे। शनिवार को विधानसभा परिसर शिमला में कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद सीएम पद के लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री पद के लिए मुकेश अग्निहोत्री के नाम का ऐलान किया गया। सुक्खू हिमाचल प्रदेश के 15वें मुख्यमंत्री होंगे। कांग्रेस विधायक दल और हाईकमान ने सुक्खू के नाम पर मुहर लगा दी है। बता दें कि मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का नाम था। प्रतिभा पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं।
Milk seller became Himachal New CM : सुखविंदर सिंह सुक्खू एक सामान्य परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता सड़क परिवहन निगम में ड्राइवर थे। अपने शुरुआती दिनों में सुखविंदर सिंह खुक्खू छोटा शिमला में दूध बेचने का काम किया करते थे। छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के साथ अक्सर टकराव होने के बावजूद सुक्खू 2013 से 2019 तक रिकॉर्ड छह साल तक पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष बने रहे। हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में बीजेपी से सत्ता छीनने के बाद सुक्खू और प्रतिभा सिंह दोनों ने मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश किया था।
हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव 12 नवंबर को हुए थे और नतीजों की घोषणा बृहस्पतिवार को की गई। जुलाई 2021 में वीरभद्र सिंह के निधन के बाद से राज्य में यह पहला चुनाव था। सुक्खू कांग्रेस से संबद्ध नेशनल स्टूडेन्ट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) की राज्य इकाई के महासचिव थे।
सुक्खू शीर्ष पद पर काबिज होने वाले निचले हिमाचल के पहले कांग्रेसी नेता होंगे।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले नादौन सीट से विधायक सुक्खू पर पार्टी आलाकमान का विश्वास तभी जाहिर हो गया था, जब उन्हें कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और बड़ी संख्या में उनके समर्थकों को पार्टी का टिकट मिला था। सुक्खू ने राज्य कांग्रेस प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संगठन को मजबूत किया और कार्यकर्ताओं तथा विधायकों के साथ उनके तालमेल ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार बना दिया।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एमए और एलएलबी की थी। जमीनी स्तर पर काम करते हुए वह दो बार शिमला नगर निगम के पार्षद चुने गए थे। उन्होंने 2003 में नादौन से पहली बार विधानसभा चुनाव जीता और 2007 में सीट बरकरार रखी। लेकिन, 2012 में वह चुनाव हार गए थे। इसके बाद 2017 और 2022 में उन्होंने फिर से जीत दर्ज की।
यहां पर जानें सुखविंदर सिंह सुक्खू का सियासी सफर… Sukhwinder Singh Sukhu political journey
– सुखविंदर सिंह सुक्खू ने NSUI से राजनीतिक पारी की शुरुआत की। संजौली कॉलेज में पहले कक्षा के क्लास रिप्रेजेंटेटिव और स्टूडेंट सेंट्रल एसोसिएशन के महासचिव चुने गए। उसके बाद राजकीय महाविद्यालय संजौली में स्टूडेंट सेंट्रल एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए। साल 1988 से 1995 तक एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रहे। 1995 में युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव बने।
– 1998 से 2008 तक युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे। नगर निगम शिमला के दो बार पार्षद बने। साल 2003, 2007, 2017 और अब 2022 में नादौन विधानसभा क्षेत्र से चौथी बार विधायक चुने गए। 2008 में प्रदेश कांग्रेस के महासचिव बने। आठ जनवरी 2013 से 10 जनवरी 2019 तक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। अप्रैल 2022 में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष एवं टिकट वितरण कमेटी के सदस्य बने।
– सुखविंदर सिंह सुक्खू का जन्म हमीरपुर जिले की नादौन तहसील के सेरा गांव में 26 मार्च 1964 को हुआ। पिता रसील सिंह हिमाचल परिवहन निगम में बस चालक थे। माता संसार देई गृहिणी हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्कूलिंग से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई शिमला से ही की। सुखविंदर ने एलएलबी की डिग्री हासिल की है। चार भाई-बहनों में सुखविंदर सिंह सुक्खू दूसरे नंबर पर हैं। बड़े भाई राजीव सेना से रिटायर हैं। दो छोटी बहनों की शादी हो चुकी है। 11 जून 1998 को सुखविंदर सिंह सुक्खू की शादी कमलेश ठाकुर से हुई। इनकी दो बेटियां हैं जो दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रही हैं।
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‘मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में काफी उठापटक थी। जो नाम सीएम की रेस में थे, वो काफी बड़े थे। ऐसे में किसी एक के नाम को फाइनल करना काफी बड़ी चुनौती थी। पार्टी के दो गुटों में बंटने का भी डर था।’
1. परिवारवाद पर सख्त कांग्रेस: कांग्रेस पर हमेशा से परिवारवाद का आरोप लगता रहा है। प्रतिभा सिंह के पति वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश में लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे। उनके बेटे भी विधायक हैं और खुद प्रतिभा सिंह सांसद हैं। ऐसे में अगर प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाया जाता तो एक बार फिर से कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगता।
2. पहाड़ और जमनी का बदलना था ट्रेंड : हिमाचल प्रदेश में हमेशा से पहाड़ से आने वाले को ही मुख्यमंत्री बनाया गया है। सुखविंदर सिंह सुक्खू हमीरपुर से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में पार्टी हाईकमान इस ट्रेंड को भी बदलने की कोशिश में थी। अब सुखविंदर को सीएम बनाकर ये ट्रेंड बदल दिया गया।
3 . पार्टी नहीं चाहती उपचुनाव: कांग्रेस हाईकमान किसी भी हालत में अभी उपचुनाव नहीं चाहती है। सुखविंदर सिंह सुक्खू विधायक चुने जा चुके हैं, जबकि प्रतिभा सिंह अभी सांसद हैं। अगर प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाया जाता, तो कांग्रेस को दो उपचुनाव कराने पड़ते। पहला विधानसभा और दूसरा मंडी लोकसभा सीट पर। इस बार हिमाचल प्रदेश में हुए चुनाव में मंडी लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाली 17 में से 12 विधानसभा सीटों पर भाजपा की जीत हुई है। मतलब अगर उपचुनाव होते तो कांग्रेस को ये सीट हारने का डर था। वहीं, विधानसभा के अन्य सीटों पर भी जो जीत मिली है, वो बहुत कम मार्जिन से मिली है। ऐसे में उपचुनाव में भी हार का डर था।
4 . आगामी असर: हिमाचल प्रदेश से सटे पंजाब में इस बार कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ा। सत्ता तो हाथ से गई ही, साथ में सीटों में भी भारी नुकसान उठाना पड़ा। ऐसे में सुखविंदर सिंह सुक्खू के जरिए कांग्रेस पंजाब में भी अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश करेगी।
5. प्रियंका गांधी के करीबी हैं सुखविंदर सिंह सुक्खू: हिमाचल प्रदेश चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी ने शिमला में डेरा डाल रखा था। शिमला स्थित अपने घर से वह पूरे चुनाव पर नजर बनाए हुईं थीं। इस दौरान सुखविंदर सिंह के साथ मिलकर उन्होंने चुनाव का पूरा एजेंडा सेट किया। सुखविंदर कैंपेन के प्रभारी थे। ऐसे में दोनों ने मिलकर पूरे चुनाव की रूपरेखा ही बदल डाली।