नई दिल्ली। भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्रा जेनेका और भारत बायोटेक की वैक्सीन ट्रायल की अग्रिम स्टेज में हैं। ऐसे में केंद्र सरकार वैक्सीन को जल्द मंजूरी मिलने की संभावना को देखते हुए अपने डिलीवरी सिस्टम को मजबूत करने में जुटी है। इसके लिए ब्लूप्रिंट भी तैयार कर लिया गया है। बताया गया है कि सरकार एसएमएस के जरिए लोगों को वैक्सीन लगवाने की जगह और समय की जानकारी भेजेगी। इसके अलावा उन्हें क्यूआर कोड के रूप में सर्टिफिकेट भी जारी किए जाएंगे।
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जानकारी के मुताबिक, लोगों के लिए टीकाकरण अभियान बिल्कुल चुनाव अभियान के आधार पर ही चलाया जाएगा। यानी टीकाकऱण के लिए स्कूलों के बड़े नेटवर्क को हेल्थ फैसिलिटी के तौर पर तैयार किया जाएगा, ताकि वैक्सीन को जल्द से जल्द लोगों तक पहुंचाया जा सके। माना जा रहा है कि देश में अगले साल की शुरुआत तक कोरोना की पहली वैक्सीन आ सकती है। ऐसे में एक एक्सपर्ट ग्रुप टीकाकरण अभियान का ब्लूप्रिंट तैयार करने में जुटा है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते नेशनल एक्सपर्ट वैक्सीन ग्रुप की एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया था। यहां उन्होंने देश के भौगोलिक दायरे पर बात करते हुए वैक्सीन डिलीवरी के लिए आम चुनाव के जैसा सिस्टम लागू करने की सलाह दी। सूत्रों के मुताबिक, वैक्सीन लगाने का काम सिर्फ मौजूदा स्वास्थ्य केंद्रों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे मतदान बूथों की तरह स्कूलों में भी लगाया जा सकता है।
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मौजूदा समय में eVIN सिस्टम में यह खासियत नहीं है और फिलहाल इससे कोल्ड स्टोरेज से स्वास्थ्य केंद्र तक लाई गईं वैक्सीन के स्टॉक की ही जानकारियां हासिल की जा सकती हैं। बताया गया है कि टीकाकरण अभियान कई फेज में चलेगा। इसलिए वैक्सीनेशनल के लिए एक प्लेटफॉर्म तैयार किया जा रहा है, जो वैक्सीन पाने वालों को एसएमएस के जरिए उन्हें टीका लगने की तारीख, लोकेशन और केंद्र की जानकारी देगा।