मलप्पुरम (केरल), 29 जनवरी (भाषा) कांग्रेस की सहयोगी ‘इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग’ (आईयूएमएल) की केरल इकाई के महासचिव पी एम ए सलाम ने कहा है कि महिलाएं एवं पुरुष समान नहीं हैं और ऐसा दावा करना केवल ‘‘हकीकत से आंखें मूंदने’’ जैसा है।
सलाम ने हाल में मलप्पुरम में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह विवादास्पद बयान दिया जिसे बुधवार को कई टीवी चैनल पर प्रसारित किया गया।
आईयूएमएल नेता ने अपनी दलील के समर्थन में एक उदाहरण देते हुए कहा कि ओलंपिक में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग श्रेणियां होती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि वे अलग-अलग हैं? क्या हम कह सकते हैं कि पुरुष और महिला सभी मामलों में समान हैं? क्या दुनिया ने इसे स्वीकार किया है? उन्हें समान कहना हकीकत से आंखें मूंद लेने जैसा है।’’
सलाम ने कहा कि आईयूएमएल महिलाओं और पुरुषों के लिए लैंगिक न्याय का समर्थक है, न कि लैंगिक समानता का।
महिलाओं से जुड़ा एक ऐसा ही विवादास्पद बयान पिछले सप्ताह केरल के एक प्रमुख इस्लामी मौलवी ने दिया था। उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर पुरुषों और महिलाओं के एक साथ कसरत करने को लेकर आपत्ति जताई थी।
‘केरल जमीयत-उल-उलेमा ऑफ एपी सुन्नी’ के महासचिव ए पी अबूबकर मुसलियार ने कहा था कि पुरुषों के साथ कसरत करने से महिलाओं के शील के साथ ‘‘समझौता’’ हो सकता है।
राज्य के उत्तरी जिलों में लोकप्रिय कसरत व्यवस्था ‘मल्टी-एक्सरसाइज कॉम्बिनेशन 7’ (एमईसी 7) की आलोचना करते हुए मौलवी ने कहा था कि व्यायाम की आड़ में गांवों और कस्बों में अच्छे काम नहीं हो रहे।
कसरत की यह व्यवस्था हाल में तब विवादों में आयी थी जब राजनीतिक हलकों से कुछ लोगों ने इस पर प्रतिबंधित इस्लामी संगठनों ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ और जमात-ए-इस्लामी से कथित संबंध होने की अटकलें लगाईं। आयोजकों ने इन आरोपों को खारिज किया है।
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सिम्मी मनीषा
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