इंफाल, 25 जनवरी (भाषा) मेइती संगठन ‘कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटिग्रिटी’ (सीओसीओएमआई) ने मणिपुर में जारी जातीय हिंसा से निपटने के लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारों से एक पारदर्शी एवं समयबद्ध सुरक्षा तथा समाधान नीति पेश करने की शनिवार को मांग की।
इंफाल घाटी स्थित कई नागरिक समाज संगठनों के समूह सीओसीओएमआई ने “नार्को-आतंकवाद संबंधी गतिविधियों को लेकर मणिपुर, मिजोरम और चिन राज्य (म्यांमार) के प्रभावशाली व्यक्तियों और संस्थाओं के बीच कथित साठगांठ” की गहन जांच का भी आह्वान किया।
सीओसीओएमआई ने इन खतरों का मुकाबला करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से ठोस कार्रवाई करने की भी अपील की।
संगठन ने एक बयान में कहा, “मणिपुर संकट को व्यापक रूप से हल करने के लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारों की ओर से एक पारदर्शी एवं समयबद्ध सुरक्षा और समाधान नीति की आवश्यकता है।”
मणिपुर में मेइती और कुकी-जो समुदाय के बीच जातीय संघर्ष में 250 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं।
भारत-म्यांमा सीमा पर एक भूमिगत सुरंग के कथित अस्तित्व से जुड़ी खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए सीओसीओएमआई ने कहा, “मादक पदार्थों और अवैध हथियारों की तस्करी में मदद करने वाली संरचना” और अन्य बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए तत्काल उपाय किए जाने चाहिए।
भाषा पारुल पवनेश
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