नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को करीब 14 महीने बाद मंगलवार को रिहा कर दिया गया। मंगलवार की रात रिहाई के बाद महबूबा मुफ्ती ने अपना एक ऑडियो संदेश जारी किया और जम्मू-कश्मीर के लिए संघर्ष का ऐलान किया।
पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और धारा 35 ए को खत्म करने से ठीक पहले जन सुरक्षा कानून के तहत महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किया गया था, मगर मंगलवार को करीब 14 महीने बाद रिहा कर दिया गया। इसके बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उस काले दिन का काला फैसला उनके दिमाग में हर रोज खटकता रहा है और इसके लिए वह संघर्ष करेंगी।
After being released from fourteen long months of illegal detention, a small message for my people. pic.twitter.com/gIfrf82Thw
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 13, 2020
बता दें कि जम्मू कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं महबूबा को केंद्र द्वारा इस राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने एवं अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाये जाने के समय कई अन्य नेताओं के साथ हिरासत में ले लिया गया था। उन्हें सीआरपीसी की धारा 107 और 151 के तहत हिरासत में लिा गया था लेकिन बाद में उनके खिलाफ जन सुरक्षा अधिनयिम के तहत मामला दर्ज किया गया।
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महबूबा की बेटी इल्तिजा ने उन्हें हिरासत में रखे जाने को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी जिसकी पिछली सुनवाई 29 सितंबर को हुई थी। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं – फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को सात माह की हिरासत के बाद मार्च में रिहा कर दिया गया था।
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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रिहा होते ही ऐलान किया है कि अनुच्छेद-370 की बहाली के लिए वे फिर से संघर्ष शुरू करेंगी। अपने ट्विटर अकाउंट पर करीब 1 मिनट 23 सेकेंड के अपने ऑडियो संदेश में महबूबा ने कहा, ‘मैं आज एक साल से भी ज्यादा अर्से के बाद रिहा हुई हूं। इस दौरान 5 अगस्त 2019 के उस काले दिन का काला फैसला हर पल मेरे दिल और रूह पर हर पल वार करता रहा। मुझे एहसास है कि यही कैफियत जम्मू-कश्मीर के लोगों की रही होगी। हम में से कोई भी शख्स उस दिन की बेइज्जती को भूल नहीं सकता।’