महबूबा मुफ्ती ने नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू से वक्फ संशोधन विधेयक को रोकने में मदद का आग्रह किया

महबूबा मुफ्ती ने नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू से वक्फ संशोधन विधेयक को रोकने में मदद का आग्रह किया

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  • Publish Date - January 31, 2025 / 09:18 PM IST,
    Updated On - January 31, 2025 / 09:18 PM IST

श्रीनगर, 31 जनवरी (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को पत्र लिखकर वक्फ अधिनियम में संशोधन को रोकने में मदद करने का आग्रह किया है।

मुफ्ती ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक न केवल मुसलमानों के धार्मिक और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है, बल्कि वक्फ अधिनियम की स्वायत्तता को कमजोर करके इन संपत्तियों को जब्त करने का भी प्रयास करता है। मैंने नीतीश कुमार जी और चंद्रबाबू नायडू जी को पत्र लिखकर भारत के विचार पर इस हमले को रोकने का आग्रह किया है।’’

भाजपा के दोनों सहयोगियों को लिखे पत्र में पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि वक्फ विधेयक ऐसे समय में आया है जब मुसलमानों को व्यवस्थित रूप से राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिए पर धकेल दिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘संभवतः सबसे अधिक चिंता की बात संयुक्त संसदीय समिति को सौंपे गए असहमति नोट के रूप में विपक्षी दलों द्वारा उठाई गई चिंताओं की घोर उपेक्षा है। इस असंवैधानिक विधेयक से सबसे अधिक प्रभावित समुदाय से परामर्श करने के किसी भी वास्तविक प्रयास के बिना परामर्श की प्रक्रिया हास्यास्पद लगती है।’’

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विधेयक को देश भर में वक्फ के स्वामित्व वाली संपत्तियों के सुधार के रूप में पेश किया जा रहा है, लेकिन इसका असली उद्देश्य वक्फ अधिनियम की नींव को कमजोर करना है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के सहयोगी दोनों मुख्यमंत्री मामले को प्रभावित करने और इस हमले को रोकने की स्थिति में हैं।

मुफ्ती ने कहा, ‘‘आप हमेशा हमारे संविधान में दृढ़ विश्वास रखते रहे हैं और लगातार गंगा-जमुनी भाईचारे की भावना के समर्थक रहे हैं। आज, राजग के प्रमुख सदस्यों के रूप में, आप इस मामले को प्रभावित करने और इस हमले को रोकने की स्थिति में हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं ईमानदारी से आपसे हस्तक्षेप करने और इस विधेयक को हमारी राष्ट्रीय एकता एवं सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने से रोकने का आग्रह करती हूं।’’

भाषा नेत्रपाल रंजन

रंजन