मेघालय सरकार ने 4,500 तपेदिक रोगियों को गोद लिया

मेघालय सरकार ने 4,500 तपेदिक रोगियों को गोद लिया

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  • Publish Date - March 23, 2025 / 05:28 PM IST,
    Updated On - March 23, 2025 / 05:28 PM IST

(पायल बनर्जी)

शिलांग, 23 मार्च (भाषा) मेघालय सरकार ने एक अभूतपूर्व पहल के तहत राज्य के लगभग 4,500 तपेदिक रोगियों को ‘‘गोद लिया’’ है और 100 दिवसीय सघन टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत उनके लिए ‘‘सार्वभौमिक नि-क्षय मित्र’’ बन गई है।

केंद्र ने सितंबर 2022 में ‘नि-क्षय मित्र’ कार्यक्रम शुरू किया था, जिसमें व्यक्तियों, निजी संगठनों और नागरिक समाज समूहों से टीबी रोगियों को ‘‘गोद लेने’’ तथा उन्हें अतिरिक्त पोषण एवं नैदानिक ​​सहायता प्रदान करने का आग्रह किया गया था।

अब, मेघालय सरकार एक कदम आगे बढ़ गई है और राज्य के सभी तपेदिक रोगियों के लिए सार्वभौमिक ‘नि-क्षय मित्र’ बन गई है।

पिछले वर्ष दिसंबर में शुरू की गई अपनी अनूठी व्यापक टीबी देखभाल पहल के तहत पूर्वोत्तर राज्य ने न केवल उपचार की सफलता दर में सुधार लाने के लिए अतिरिक्त उपाय किए हैं, बल्कि रोगियों और उनके परिवारों पर रुग्णता एवं वित्तीय बोझ को भी कम करने के लिए कदम उठाए हैं।

केंद्र सरकार द्वारा नि-क्षय पोषण योजना के तहत प्रत्येक टीबी रोगी को प्रदान की जाने वाली 1,000 रुपये मासिक पोषण सहायता के अतिरिक्त, मेघालय संभवतः एकमात्र ऐसा राज्य है जो पोषण किट के रूप में प्रत्येक रोगी को 2,000 रुपये प्रति माह की अतिरिक्त सहायता प्रदान करता है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के मिशन निदेशक रामकुमार एस ने बताया कि इसका उद्देश्य न केवल रोगियों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है, बल्कि उनके परिवार के सदस्यों की देखभाल करना भी है, ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सके तथा भविष्य में सक्रिय टीबी संक्रमण को रोका जा सके।

सौ दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान मेघालय के पांच जिलों – पूर्वी खासी हिल्स, री भोई, पूर्वी गारो हिल्स, पश्चिमी गारो हिल्स और दक्षिणी गारो हिल्स में क्रियान्वित किया जा रहा है जहां इस रोग का प्रकोप अधिक है।

मेघालय में 2024 में तपेदिक के 4,573 मामले अधिसूचित किए गए थे। अधिकारियों ने कहा कि पिछले चार वर्षों में टीबी मृत्यु दर पांच से छह प्रतिशत रही है और हाल में इसमें गिरावट देखी गई है।

भाषा नेत्रपाल देवेंद्र

देवेंद्र