नई दिल्ली: कोरोना काल में फर्जी मैसेज का जैसे अंबार लग गया है, सोशल मीडिया पर आए दिन कई फेक मैसेज वायरल किए जाते हैं। इसी कड़ी में इन दिनों एक मीडिया संंस्थान द्वारा दावा किया जा रहा है कि सरकार ने हेल्थ आईडी के पंजीकरण के लिए निजी जानकारी मांगी है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि लोगों की मेडिकल, फाइनेंस, आनुवांशिकी, जाति, धर्म और राजनीतिक विश्वास से संबंधित जानकारी एकत्रित की जाएगी। लोगों के पास हेल्थ डाटा पॉलिसी की समीक्षा के लिए केवल एक हफ्ता बचा है और केंद्र द्वारा ऐसा किया जाना अलोकतांत्रिक हैं। लेकिन पीआईबी ने इन दावों को खारिज कर दिया है।
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पीआईबी ने मीडिया रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा है कि ये दावा झूठा है और सरकार ने हेल्थ आईडी पंजीकरण के लिए ऐसी कोई जानकारी नहीं मांगी है। आपको बता दें 15 अगस्त के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन’ की घोषणा की थी। उन्होंने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन लॉन्च किया था और कहा था कि ये भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा।
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Claim: Media report has claimed that the government is asking for “sensitive personal data” for the registration of Health ID. #PIBFactCheck: This claim is #Fake Information like name, year of birth, state, etc. are required while registering for Health ID. pic.twitter.com/m2LMTRCAIy
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) September 1, 2020