नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी के तट से कूड़े को हटाने के बारे में संपूर्ण विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
अधिकरण एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें दावा किया गया है कि वजीराबाद और जगतपुर गांवों में यमुना नदी के तट पर कूड़ा और अपशिष्ट पदार्थ डाला गया है।
अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने 13 नवंबर को पारित आदेश में एमसीडी के वकील की दलीलों पर गौर किया कि नदी के किनारे 4.3 किलोमीटर तक पूरे क्षेत्र में सफाई कार्य किया जा रहा है और मौके पर 10 कर्मी तैनात किए गए हैं।
पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य अफरोज अहमद भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने नगर निगम के इस दावे का विरोध किया है कि सफाई कार्य जारी है।
अधिकरण ने कहा, ‘‘इसलिए हम एमसीडी से यह अपेक्षा करते हैं कि वह संबंधित हिस्से से हटाए गए कूड़े-कचरे, मलबे आदि की पूरी जानकारी दे। यह भी बताए कि नदी तट को किस हद तक साफ किया गया है, इस काम के लिए कितनी जनशक्ति और मशीनों का इस्तेमाल किया गया है, हटाए गए कूड़े को कहां ले जाया गया है। उसका निस्तारण कैसे किया गया और कितने समय में उक्त क्षेत्र को साफ कर दिया जाएगा।’’
एनजीटी ने एमसीडी को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई के लिए छह मार्च की तारीख तय की।
भाषा धीरज सुभाष
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