नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में डेंगू नियंत्रण उपायों पर अब तक करीब 100 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जवाब में यह जानकारी सामने आई है।
आरटीआई के जवाब के मुताबिक, पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में एमसीडी ने डेंगू नियंत्रण उपायों पर 87.99 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
डेंगू के उपायों पर खर्च में यह वृद्धि मच्छर जनित बीमारियों से निपटने के लिए एमसीडी के गहन प्रयासों को दर्शाती है। डेंगू के मामलों की संख्या में इस वर्ष काफी वृद्धि देखी गई है।
डेंगू नियंत्रण उपायों पर एमसीडी की ओर से 2024 के व्यय का विस्तृत ब्यौरा बताता है कि 96.79 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिसमें फॉगिंग पर 4.8 करोड़ रुपये, लार्वा रोधी उपायों पर 83.25 लाख रुपये, दवाओं और उपकरणों पर 42.02 लाख रुपये शामिल हैं।
इसके अलावा विशेष अभियान पर 1.2 लाख रुपये, श्रमिक प्रशिक्षण पर 17.05 लाख रुपये तथा विज्ञापन पर 2.20 लाख रुपये खर्च किये गये।
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में यह भी पता चला है कि 2024 में मच्छरों के प्रजनन के लिए 2.89 करोड़ घरों का निरीक्षण किया गया, जबकि 2023 में यह संख्या 4.14 करोड़ थी।
आरटीआई के जवाब में इन उपायों की प्रभावशीलता या 2023 और 2024 के लिए समग्र डेंगू प्रबंधन रणनीति के बारे में कोई जानकारी या आकलन नहीं दिया गया है।
एमसीडी ने पिछले वर्ष डेंगू नियंत्रण के विशेष अभियान पर 12.50 लाख रुपये खर्च किए थे।
एमसीडी के आंकड़ों के अनुसार 30 नवंबर तक दिल्ली में डेंगू के 5,700 से अधिक मामले सामने आए थे, तथा डेंगू के कारण तीन लोगों की मौत भी हुई थी।
इस साल अकेले अक्टूबर माह में ही डेंगू के 2,400 से अधिक मामले सामने आये, जो चार वर्षों में सबसे अधिक हैं।
यद्यपि डेंगू के मामलों में पिछले वर्ष के 9,266 की तुलना में कमी आई है, परन्तु मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी अन्य मच्छर जनित बीमारियों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
दिल्ली में 30 नवंबर तक मलेरिया के 766 मामले दर्ज किए गए, जो 2023 के 384 मामलों से 99 प्रतिशत अधिक है और चार वर्षों में सबसे अधिक है।
इसी प्रकार, इस वर्ष चिकनगुनिया के मामले बढ़कर 266 हो गए, जो 2023 में मात्र 44 थे, यह बीते चार वर्षों में सबसे अधिक है।
भाषा रवि कांत रवि कांत संतोष
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