Mayawati on RSS Ban Removed: 58 साल पुराना प्रतिबंध हटाने पर बसपा सुप्रीमो मायावती किया विरोध, केंद्र सरकार से की ये मांग

Mayawati on RSS Ban Removed: 58 साल पुराना प्रतिबंध हटाने पर बसपा सुप्रीमो मायावती किया विरोध, केंद्र सरकार से की ये मांग

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  • Publish Date - July 22, 2024 / 12:43 PM IST,
    Updated On - July 22, 2024 / 12:43 PM IST

Mayawati on RSS Ban Removed: नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 58 साल पुराने प्रतिबंध को हटा दिया है, जिसके बाद अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारी भी हिस्सा ले सकेंगे। केंद्र सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा, कि उपर्युक्त निर्देशों की समीक्षा की गई और यह निर्णय लिया गया है कि 30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 के संबंधित कार्यालय ज्ञापनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख हटा दिया जाए।

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बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने रविवार को बीते हफ्ते जारी एक कथित सरकारी आदेश का हवाला देते हुए दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी पर प्रतिबंध हटा दिया गया है। वहीं अब इस मामले पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रतिबंध को हटाने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस की शाखाओं में जाने पर 58 वर्ष से जारी प्रतिबंध को हटाने का केन्द्र का निर्णय देशहित से परे, राजनीति से प्रेरित संघ तुष्टीकरण का निर्णय, ताकि सरकारी नीतियों व इनके अहंकारी रवैयों आदि को लेकर लोकसभा चुनाव के बाद दोनों के बीच तीव्र हुई तल्खी दूर हो।

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मायावती ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को संविधान व कानून के दायरे में रहकर निष्पक्षता के साथ जनहित व जनकल्याण में कार्य करना जरूरी होता है, जबकि कई बार प्रतिबन्धित रहे आरएसएस की गतिविधियां काफी राजनीतिक ही नहीं बल्कि पार्टी विशेष के लिए चुनावी भी रही हैं। ऐसे में यह निर्णय अनुचित, तुरन्त वापस हो।

मायावती  ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस की शाखाओं में जाने पर 58 वर्ष से जारी प्रतिबंध को हटाने का केन्द्र का निर्णय देशहित से परे, राजनीति से प्रेरित संघ तुष्टीकरण का निर्णय, ताकि सरकारी नीतियों व इनके अहंकारी रवैयों आदि को लेकर लोकसभा चुनाव के बाद दोनों के बीच तीव्र हुई तल्खी दूर हो।

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कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी प्रतिबंध हटाए जाने के मामले पर एक्स पर लिखा, कि “1947 में आज ही के दिन भारत ने अपना राष्ट्रीय ध्वज अपनाया था। RSS ने तिरंगे का विरोध किया था और सरदार पटेल ने उन्हें इसके खिलाफ चेतावनी दी थी। 4 फरवरी 1948 को गांधी जी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था। मोदी ने 58 साल बाद, सरकारी कर्मचारियों पर RSS की गतिविधियों में शामिल होने पर 1966 में लगा प्रतिबंध हटा दिया है।”

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मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, कि “हम जानते हैं कि पिछले 10 वर्षों में भाजपा ने सभी संवैधानिक और स्वायत्त संस्थानों पर संस्थागत रूप से कब्ज़ा करने के लिए RSS का उपयोग किया है। मोदी सरकारी कर्मचारियों पर RSS की गतिविधियों में शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटा कर सरकारी दफ़्तरों के कर्मचारियों को विचारधारा के आधार पर विभाजित करना चाहते हैं। यह सरकारी दफ़्तरों में लोक सेवकों के निष्पक्षता और संविधान के सर्वोच्चता के भाव के लिए चुनौती होगा।

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कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ‘सरकार संभवतः ऐसे कदम इसलिए उठा रही है क्योंकि जनता ने उसके संविधान में फेर-बदल करने की कुत्सित मंशा को चुनाव में परास्त कर दिया। चुनाव जीत कर संविधान नहीं बदल पा रहे तो अब पिछले दरवाजे सरकारी दफ्तरों पर RSS का कब्ज़ा कर संविधान से छेड़छाड़ करेंगे। यह RSS द्वारा सरदार पटेल को दी गई उस माफ़ीनामा व आश्वासन का भी उल्लंघन है जिसमें उन्होंने RSS को संविधान के अनुरूप, बिना किसी राजनीतिक एजेंडे के एक सामाजिक संस्था के रूप में काम करने का वादा किया था। विपक्ष को लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिये आगे भी संघर्ष करते रहना होगा।’

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