मायावती ने गरीब विरोधी राजनीति पर चिंता जताई, बसपा को ‘सच्ची आंबेडकरवादी’ पार्टी बताया

मायावती ने गरीब विरोधी राजनीति पर चिंता जताई, बसपा को ‘सच्ची आंबेडकरवादी’ पार्टी बताया

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  • Publish Date - January 29, 2025 / 09:59 PM IST,
    Updated On - January 29, 2025 / 09:59 PM IST

नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने बढ़ती गरीब विरोधी, पूंजीवादी राजनीति और जातिगत व सांप्रदायिक द्वेष पर बुधवार को चिंता व्यक्त की।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने दिल्ली में पार्टी नेताओं की अखिल भारतीय बैठक को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।

पार्टी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, बसपा सुप्रीमो ने पार्टी सदस्यों से ‘बहुजन’ के लिए लड़ने का आह्वान किया। ‘बहुजन’ मुख्य रूप से अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों और अल्पसंख्यकों को संदर्भित करता है।

मायावती ने कहा कि बसपा की लड़ाई ‘बहुजन समुदायों का शासन’ सुनिश्चित करने के लिए है, ताकि गरीब, दलित, आदिवासी, ओबीसी, मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक सम्मानजनक जीवन जी सकें।

उन्होंने पार्टी सदस्यों से संगठन को मजबूत करने और सभी समुदायों में पार्टी का जनाधार बढ़ाने का आह्वान किया।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं को इस आंदोलन में शामिल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘बसपा एक कैडर आधारित पार्टी है, कांग्रेस और भाजपा से अलग।’

उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति में अमीर-समर्थक, गरीब-विरोधी दलों के बढ़ते प्रभाव के कारण गरीबों, दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों के आरक्षण जैसे कानूनी अधिकार छिनने का खतरा पैदा हो गया है तथा वे और अधिक वंचित हो गए हैं।

बसपा को एकमात्र सच्ची ‘आंबेडकरवादी’ पार्टी बताते हुए उन्होंने भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर कमजोर सामाजिक समूहों के मुद्दों पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया।

भाषा नोमान पवनेश

पवनेश